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________________ १५ ५०१-०० वि. सं. २०२९ महासुद३ मंगलवार के शुभदिन सूरत में हुए पू० गणिवर्य श्री रैवतसागरजी म० की पन्यासपदकी यादगार में और अहमदाबाद खुशालभुवन के चातुर्मास में ज्ञानकी आमदनी में से खुशालदास गोकलदास ट्रस्ट की ओर से 1 ३०१ -०० तीर्थाधिराज पालीताणा में वि. सं. २०२९ में मढ़ी निवासी शा. नेमचंद जीवणजी और धर्मपत्नी तारा बहनने की हुई धर्माराधना निमित्त उनकी ओरसे । २५१-०० जामनगर निवासी सुश्रावक अमृतलाल गलालच द झवेरी स्वकुटुंब श्रेयार्थ उनकी ओर से । २५१ -०० देवबाग जैनसंघ की ओर से । २५१-०० सुरत निवासी, प. पू. ध्यानस्थ गुरुदेव के परम अनुरागी कान्तिलाल जेकिशनदास वखारीआ की ओर से स्वकुटुंब श्रेयार्थ २५१-०० विदुषी साध्वीजी श्री तिलक श्रीजी म० कि सुशिष्या सा० श्री मृगेन्द्रश्रीजी म० की शुभ प्रेरणा से । १०१ -०० बुहारी निवासी स्व. डॉ. हेमंतकुमार रतिलाल के स्मरणार्थ उनकी मातृश्री भानुबहनकी ओरसे ! ५० -०० बुहारी निवासी स्व. झवेरचंद पन्नाजी शाह के स्मरणार्थ ।
SR No.032387
Book TitleAgamdharsuri
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKshamasagar
PublisherJain Pustak Prakashak Samstha
Publication Year1973
Total Pages310
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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