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________________ द्रव्य - सहायकों की नामावली ५०१ -०० स्व. तलकचंद नवलचंद झवेरी आपके सुपुत्र रतनचंदभाई, पुत्रवधू रमिलाबहन और पौत्र रमेशभाई, सुरेशभाई और दिनेशभाई इस प्रकाशनमें प्रथम द्रव्य सहायक हैं किन्तु आप सौराष्ट्र में विचरते हुए प० पू० आगमेाद्धारक आचार्य श्री आनन्दसागरसूरीश्वरजी महाराज का सबसे पहले वि० सं० १९६३ में सूरत पधारने की विनंति करनेवाले थे और साथ में श्री जैनान्द पुस्तकालयके आधारस्तंभ झवेरी अमरचंद मूलचंद भी थे । अर्थात् पूज्यश्री के सूरत पधारने में प्रथम निमित्तभूत होनेसे यहाँ पर देनों को याद करना आवश्यक है । ११०१-०० ५० पू० आगमाद्वारक आचार्य देव श्री आनन्दसागरसूरीश्वरजी म० के बालदीक्षित शिष्य मुनिराजश्री अरुणोदयसागरजी म० के सदुपदेशसे सूरत छापरीआ शेरी बड़े उपाश्रयमें ज्ञान की आमदनी में से ५०१ -०० सूरत ( माली फलीया) साध्वीजी के उपाश्रय में ज्ञानकी आमदनी में से फूलकेारबहन फकीरचंद नेमचंद ट्रस्ट की ओर से हा. घेलाभाई अभेचंद झवेरी । ५०१ -०० शेगांव श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ । ज्ञानक आमदनी से !
SR No.032387
Book TitleAgamdharsuri
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKshamasagar
PublisherJain Pustak Prakashak Samstha
Publication Year1973
Total Pages310
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
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