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________________ नमो पुरिसवरगंधहत्थीणं ८६० १९८४ १९२७ 1८ १९८५ १९२८ किशनगढ़ (१९८६ १९२९ भोपालगढ़ १० १९८७ १९३० जयपुर १. मनि श्री भोजराजजी जी २. मुनि श्री वैशाख माह में पीपाड़ निवासी महासती धूला जी हस्तीमलजी ३. मनि श्री चौथमलजी ४. मुनि की दीक्षा महासती श्री भीमकंवर जी की निश्रा में| श्री लक्ष्मीचंदजी ठाणा-४ सम्पन्न। पाली-१. श्री सजानमलजी म. सा. २. मुनि पीपाड़ - भोजराजजी म. का यह चौमासा संतों के श्री अमरचन्दजी जी ३. मुनि श्री लाभचन्दजी ज्ञानार्जन की दृष्टि से हआ। |४. मुनि श्री सागरमलजी ५. मुनि श्री पाली - नारेलों का भखार में चातुर्मास, प्रवचन लालचन्दजी ठाणा-५ मकान के प्रांगण में । १. श्री सुजानमलजी म.सा, २. मुनि श्री मुनि श्री सागरमलजी म. सा. का श्रावण बदि १३ भोजराजजी, ३. मुनि श्री अमरचंदजी ४. मुनि संवत् १९८५ में ५९ दिन का संथारापूर्वक श्री लाभचन्दजी ५. मुनि श्री सागरमलजी स्वर्गवास हुआ। ६.मुनि श्री लालचन्दजी ७. मुनि श्री हस्तीमलजी ८. मुनि श्री चौथमलजी ९. मुनि श्री लक्ष्मीचन्दजी ठाणा-९ श्री सुजानमलजी म. सा. २. मुनि श्री भोजराजजी ३. मुनि श्री अमरचंदजी ४. मुनि श्री हस्तीमलजी ५. मुनि श्री लक्ष्मीचंदजी ठाणा-५ अजमेर - १. मुनि श्री लाभचन्दजी, २. मुनि श्री लालचन्दजी ३. मुनि श्री चौथमलजी ठाणा-३ १. श्री सुजानमल जी म.सा. २. मुनि श्री अक्षय तृतीया संवत् १९८७ को मुनि श्री भोजराजजी ३. मुनि श्री अमरचंद जी ४. मुनि हस्तीमलजी म.सा. को जोधपुर में सवाईसिंह जी| श्री लाभचंदजी, ५. मुनिश्री लालचंदजी ६.की पोल में चतुर्विध संघ की उपस्थिति में| आचार्य श्री हस्तीमलजी म.सा. ७. मुनि श्री स्थानक में आचार्य पदवी प्रदान की गई। चौथमलजी, ८. मुनि श्री लक्ष्मीचंदजी ठाणा८ १. मुनि श्री भोजराजजी २. आचार्य श्री हस्तीमलजी म.सा. (चरितनायक) ३. मुनि श्री लालचन्दजी ठाणा ३ रायपुर (झालरापाटन के पास)- १. मुनि श्री सजानमलजी २. मुनि श्री अमरचन्दजी ३. मुनि श्री लक्ष्मीचन्दजी ठाणा ३ मन्दसौर (मालवा) - १. मुनि श्री लाभचन्दजी २. मुनि श्री चौथमलजी ठाणा २ १. श्री सुजानमल जी म.सा. २. मुनि श्री रतलाम - महागढ़ निवासी छोटे लक्ष्मीचंदजी भोजराजजी , ३. मुनि श्री अमरचन्दजी ४. म. की दीक्षा उज्जैन में आषाढ़ कृष्णा ५ संवत् आचार्य श्री हस्तीमलजी म.सा., ५. मुनि श्री बड़े १९८९ को सम्पन्न । अजमेर साधु सम्मेलन में लक्ष्मीचंदजी ६. मुनि श्री छोटे लक्ष्मीचंदजी पधारते समय केकड़ी में हए शास्त्रार्थ में विजय ठाणा६ से यश-कीर्ति। खाचरोद - १. मुनि श्री लाभचंदजी २. मुनि श्री लालचंदजी ३. मुनि श्री चौथमलजी ठाणा ११ १९८८ १९३१ रामपुरा (मालवा) १२ १९८९ १९३२ रतलाम (मालवा)
SR No.032385
Book TitleNamo Purisavaragandh Hatthinam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain and Others
PublisherAkhil Bharatiya Jain Ratna Hiteshi Shravak Sangh
Publication Year2003
Total Pages960
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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