SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 677
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ( तृतीय खण्ड : व्यक्तित्व खण्ड सैलाना, बेतुल, मद्रास, अहमदनगर, पाथर्डी, लातूर, लासल-गाँव, चालीस-गाँव, धूलिया, कोपर गाँव, औरंगाबाद, शाजापुर, भोपाल, नागपुर, नागौर, लुधियाना, कुचेरा, गोगेलाव, किशनगढ़, मदनगंज, अजमेर, कपासन, गंगापुर, चित्तौड़, भादसोड़ा, नाथद्वारा, मालपुरा, केकड़ी, गुलाबपुरा, हुरड़ा, विजयनगर, मेड़तासिटी, उज्जैन, थांदला, दुर्ग, भिलाई, जबलपुर, सोलापुर, सवाईमाधोपुर, आलनपुर, श्यामपुरा, गंगापुर, हिण्डौन, अलवर आदि अनेक स्थानों पर सामायिक संघ स्थापित हुए। गाँव-गाँव में सामायिक संघ की स्थापना आचार्य श्री की भावना थी। मेरे विचार में यह तब ही संभव है जब प्रचारकों का एक दल साहित्य तथा सामायिक के उपकरण साथ लेकर गाँव-गाँव में जाये तथा सामायिक साधना करके सामायिक-संघों को स्थिर करने की प्रेरणा करे। भवानी सिंह मार्ग, क्रय-विक्रय संघ के सामने, जयपुर कार्तिक सुदी पंचमी, संवत् २०४०
SR No.032385
Book TitleNamo Purisavaragandh Hatthinam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDharmchand Jain and Others
PublisherAkhil Bharatiya Jain Ratna Hiteshi Shravak Sangh
Publication Year2003
Total Pages960
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy