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________________ घटनमस्कर बीएचपरमान ३ श्री समयनाथ श्री अजितनाथ २३ श्री पार्थनाथ १२ भी मेमिनाथ श्री अभिनंदनस्वामी १श्री ऋषभदेव २४ श्री महावीरस्वामी २१ श्रीनमिनाथ ५ श्री सुमतिनाथ २.श्रीमनिसन्तस्वामी उनमोप्ररिहंताएं। नमी सिजाय नमोमायरियाग निमोटाछायाण नमोलोएरावसाहूणे श्री पदाप्रभस्वामी ११ श्री महिनाय शिवमस्तु सर्व जगत रसीया नामकारो स्वामि सब्वे दे. पराहतनिरताभवन्तु म ranpur सबेजीवा रवमंतु मे। भूतगणा: दोषाः मित्ती मे सवभूएस. प्रयान्तु नाश, सर्वत्रामगाणं च सव्यास। वैरं मन केण॥ श्री सुपार्श्वनाथ सुखी भवतु लोकमहाडमा १८ श्री अरनाथ श्री संयमस्वामी १. श्री शीतलनाथ श्री गौतमस्वामीजी १० श्री अनंगनाथ १० श्री कुंथुनाव श्रीमुभिधिनाथ११श्रीश्रर्या समाथ १२श्रीवासुपूज्यत्वामी.१३ श्री विमलनाथ१५ श्री धर्मनाथ श्री सिमाथ।
SR No.032371
Book TitleNav Smaran Sachitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevchand Damji Kundlakar
PublisherBhadrasenvijay
Publication Year1977
Total Pages232
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size20 MB
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