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________________ (८) शूरवीर राजा कभी भयभीत नहीं होता है, और ब्राह्मण, मुनि, निहत्थे, स्त्री, बालक, पशु और दूत के ऊपर कभी प्रहार नहीं करता हैं।' पद्म- पुराण में राजा के गुणों का वर्णन करते हुए आचार्य रविषेण ने लिखा है कि उसे सर्ववर्णधर, कल्याणप्रकृति, कलाग्राही, लोकधारी, प्रतापी, धनी, शूरवीर, नीतिज्ञ, शास्त्राभ्यास, सज्जनों का प्रेमी, दानी, हस्तिमदमर्दन आदि गुणों से युक्त होना चाहिए। इसी में अन्य स्थान पर वर्णित है कि श्रेष्ठ राजा को लोकतन्त्र, जैन व्याकरण एवं नीतिशास्त्र का ज्ञाता, तथा महागुणों से विभूषित होना चाहिए।' राजा प्रचुर कोष का स्वामी, शत्रु विजेता, अहिंसक, धर्म एवं यज्ञादि में दक्षिणा देने वालों का रक्षक होता - था। राजा सत्यवादी एवं जीवों के रक्षक होते थे । जीवों की रक्षा करने के कारण ही उन्हें ऋषि कहते थे।' राजा को पिता के समान न्यायवत्सल , होकर प्रजा की रक्षा करना, विचारपूर्वक कार्य करना, दुष्ट मनुष्यों को । कुछ देकर वश में करना, मित्र को सद्भाव पूर्ण आचरण द्वारा अनुकूल .. रखना, क्षमा से क्रोध को, मार्दव से मान को, आर्जवः से माया को, और धैर्य से लोभ को वश में करना राजा का गुण (कर्तव्य) माना जाता था। महापुराण के अनुसार राजाओं के छ: गूण-संधि, विग्रह, मान, आसन, संस्था और द्वैथीभाव का होना आवश्यक माना गया था। महापुराण के ही अनुसार राजा को साम, दाम, दण्ड, एवं भेद का ज्ञान और सहाय, साधनोपाय, देशविभाग, काल विभाग तथा विनियात प्रतीकार, आदि १. देवेन्द्र इव विभ्राण"."मदोत्कटगजेषु तु । पद्म पु० २/५०-५६ २. नरेश्वरा उर्जित शौर्यचेष्टा न भीतिभाजां प्रहरन्ति जातु । _____ न ब्राह्मणं न श्रमणं न शून्यं स्त्रियं न बाल न पशु न दूतम् ॥ पद्म पु० ६६६० ३. सर्वेषु नयशास्त्रेषु-कुशलो लोक तन्त्रवित् । जैन व्याकरणाभिज्ञो महागुणविभूषितः ॥ पप पु० ७२/८८ ४. बहुकोशो...."पुर्नभुवः । पम पु० २७/२४-२५ । ५. सत्यं वदन्ति'."जन्तुपालने । पद्म पु० ११/५८ ६. भजस्व प्रस्खलं...."लोभंतनूकुरु । पद्म पु० ६७/१२८-१३०. ७. सन्धिविग्रह यानानि संस्थाव्यासनमेव । वंधीभावक्ष्य विज्ञेयः षड्गुणा नीतिवेदनम् ॥ महा० पु०:४४/१२६-१३०(टिप्पणी)
SR No.032350
Book TitleBharatiya Rajniti Jain Puran Sahitya Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhu Smitashreeji
PublisherDurgadevi Nahta Charity Trust
Publication Year1991
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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