SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 17
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ बनाने पडे थे आज वह चित्रकूट (चितौड) नाम और कथा शेषके सिवाय और किस बातका अस्तित्व रखता है ? . और सुनिये । राजग्रही कि जहां श्रेणिक राजा के श्रेणिबद्ध हाथी झूला करते थे, जहां धन्ना-शालिभद्र जैसे दिव्यभोगी श्रेष्ठिनंदन रहते थे । नालंदा पाडा कि जहां-भगवान् ज्ञातनंदन श्रीमहावीर प्रभुके चौदह चौमासे हुये थे, और कुछ अरसेके बाद जहां बौद्ध धर्मका महाविद्यालय ऐसा विशाल बना था कि जिसमें चीन तक विद्यार्थी पढनेको आया करते थे। आज वह नगरी देखनेको भी कहीं है ? हां खंडहर तो पडे हैं। सारनाथ जो स्थान बुद्धदेवके प्रथम उपदेशके कारण संसार भरमें प्रसिद्ध था, अशोक जैसे महाराजाओंने जहां गगनचुंबी मंदिर बनवाये थे, आज उस स्थानमें दिनमें भी भय लगता है। काश्मीर देशके प्रख्यात शहर श्रीनगरके निकट डल नदीके किनारे जहांगीर बादशाहने जो महल बनवाया था उसमें काश्मोरकी कुल आमदनी खर्च की जाती थी। इसके इलावा एक करोड दस लाख रुपया
SR No.032336
Book TitleMandavgadh Ka Mantri Pethad Kumar Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHansvijay
PublisherHansvijay Jain Free Library
Publication Year1923
Total Pages112
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy