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________________ सत्संगभवन हेतु डेढ़ लाख रुपये निश्चित हैं । अब वह तैयार हो जाय तो ऐसे भक्ति के प्रसंगों पर जो जगह की कमी महसूस होती है वह दूर हो सके । आप कार्तिक पूर्णिमा के समय यहाँ पधारें तो अच्छा होगा । आपको ट्रस्टी मण्डल में सम्मिलित करने की भावना सफल हो सकेगी । श्री छोटु भाई एवं उनके परिवार को हार्दिक नूतन वर्षाभिनन्दन ज्ञापित करें। वे तो यहाँ पूर्णिमा के अवसर पर आयेंगे ऐसा लिखते हैं । पूर्णिमा के दिन विशेष कार्यक्रम रहेगा : ध्वज महोत्सव, शोभायात्रा, साधर्मी वात्सल्य, श्री परम कृपाळु के जीवन के प्रसंगों का वर्णन, आश्रम का वार्षिक अहेवाल, ट्रस्टियों का चुनाव, इत्यादि होंगे । धर्मस्नेह में वृद्धि हो..... ॐ शान्तिः । • श्री सहजानंदघन गुरूगाथा • सहजानन्दघन के अगणित आशीर्वाद (2) बेंगलोर, दि. 19-11-1969 पूज्य गुरुदेव, आपका दि. 12-11-1969 का कृपापत्र मिला । भाग्य मेरा बहुत ही अच्छा है कि मुझे आप जैसे गुरु तथा आपने उल्लेख किया है वैसा सज्जनमंडल प्राप्त हुआ है, परन्तु मुझसे ही इस ज्ञान-आराधना के लिए पुरुषार्थ क्यों नहीं होता है ? मैं दि. 20-11-1969 तक वहाँ पहुँच सकूं ऐसी सम्भावना नहीं है, तो क्षमा करें । इस पत्र के साथ सत्संग भवन का दूसरा प्लान है जो डॉ. विश्वनाथन के द्वारा तैयार किया गया है । डॉ. विश्वनाथन वही व्यक्ति हैं जो मेरे साथ आये थे । एक अन्य मित्र के पास भी प्लान बनवा रहा हूँ । तैयार होने पर आपको भेज दूंगा । भूमि समतल कर दी जाये तब आप जो तारीख सूचित करेंगे तब सत्संगभवन का काम आरम्भ करने के लिए अवश्य आऊँगा । (89) अन्य सत्संगी सज्जनों को मेरे जय जिनेन्द्र । पूज्य माताजी को मेरे दण्डवत् प्रणाम, आश्रमवासियों को जय जिनेन्द्र । यहाँ श्री छोटुभाई और अन्य सभी आनन्द में हैं । लि. विनम्र चन्दुभाई टोलिया के वन्दन
SR No.032332
Book TitleSahajanandghan Guru Gatha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratap J Tolia
PublisherJina Bharati
Publication Year2015
Total Pages168
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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