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________________ First Proof Dr. 27-2-15 -8 परिचय: महावीर-कथा : 'महावीर दर्शन': हम संपूर्ण जानें परम अनंत उपकारक भगवान महावीर हमारे आदर्श हैं, आराध्य हैं। उनकी प्रेरक पावन जीवनकथा हम उनके आराधक कितनी जानते हैं ? हमारे बालक-बालिका-किशोर-युवा कितनी जानते हैं ? उनके जीवन का प्रधान दर्शन और संदेश हम कितना समझते हैं ? आज सर्वत्र प्रचलित रामकथा, कृष्णकथा, अरे अब गांधीकथा जितना भी हमारे इस परमोपकारक परमाराध्य की कथा का "महावीर कथा" का हमने अपने हित में भी क्या प्रचार-प्रसार किया है ? 'महावीर प्रभु' अब सर्वत्र सब जगह होती चलती रहे यह इस युग की आवश्यकता है। विशेषकर हमारी आगामी युवा पिढ़ी के लिये । इसका विनम्र मंगलारंभ 'जिनभारती' - वर्धमान भारती इन्टरनेशल फाउन्डेशनने देश और विदेशों में कुछ वर्षों से किया है। इसका आयोजन करवाने का आप सभी को भी निमंत्रण है . । उसके इन मंचीय कार्यक्रम के सिवा रिकार्डिंग रूप में (सी.डी./कैसेट) उसके हिन्दी, अंग्रेजी, गुजराती रूप तैयार किये गये है। संक्षेप आकार में ये 'महावीर दर्शन' नाम से और विस्तृत आकार में श्री कल्पसूत्र कैसेट मंजुषा के नाम से प्रस्तुत हैं। इस श्री कल्पसूत्र केसेट मंजुषा को कोई ज्ञानदान लाभार्थी बंधु सी.डी. सेट में भी (प्रायः २० सी.डी.) प्रकाशित करवा सकते हैं। परंतु 'महावीर कथा-महावीर दर्शन' का मंच आयोजन (संगीत सह) कोई भी करवा सकते हैं। कलकत्ता, कोचीन, विदेश के कई नगर ऐसे आयोजन करवा चुके हैं। इस चातुर्मास एवं आगामी पर्युषण महापर्व के उपलक्ष्य में ऐसे एक से तीन या पांच दिन तक के आयोजन आप क्यों नहीं करवायें ? विशेष जानकारी हेतु आपकी भावना, जिज्ञासा का स्वागत है, प्रतीक्षा है। आप सभी का विनम्र सहधर्मी सहृदयी, प्रा. प्रतापकुमार ज. टोलिया (फोन: 080-26667882-R)
SR No.032330
Book TitleAntarlok Me Mahavir Ka Mahajivan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratap J Tolia
PublisherVardhaman Bharati International Foundation
Publication Year
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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