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________________ गृहपति के वर्णपति : ब्राह्मण वर्ण के स्वामी शुक्र और गुरु, क्षत्रीय वर्ण के स्वामी रवि और मंगल, वैश्य का स्वामी चन्द्र, शूद्र वर्ण का स्वामी बुध तथा म्लेच्छ वर्ण के स्वामी राहु और शनि - इस प्रकार घर के स्वामी के वर्णपति हैं। गृहप्रवेश मुहूर्त नीम खनन के समय तथा नये घर में प्रवेश करते समय लग्न में सभीयोगशुभ होते हुएभी आठवें स्थान में अगर कोई क्रूर ग्रह हो तो वह अवश्य स्वामी का विनाश करता है। चित्रा, अनुराधा, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, रेवती, मृगशिर और रोहिणी - इन नक्षत्रों में अगर गृहप्रवेश करें तो धन - धान्यादि की वृद्धि होगी। मूल, आर्द्रा, आश्लेषाऔर ज्येष्ठा इन नक्षत्रों में प्रवेश करने से पुत्र का विनाश होता है। गृहारंभ तथा गृहप्रवेश पूर्वाफाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपदा, मघा और भरणीइन नक्षत्रों में करने से गृहस्वामी का नाश होता है। विशाखा नक्षत्र में करने से स्त्री का विनाश होता है। कृत्तिका नक्षत्र में करने से अग्नि का उपद्रव होता है। रिक्ता तिथि, मंगल अथवा रविवार, चरलग्न (मेष, कर्क, तुला और मकर लग्न) कंटक आदि विरुद्ध योग, क्षीण चन्द्रमा, नीच का अथवा क्रूर ग्रह युक्त चन्द्रमा इन सबको गृहप्रवेश करते समय अथवा आरंभ करते समय छोड़ देना चाहिए।शेष तिथि, वार, लग्न शुभ हैं। क्रूर ग्रह केन्द्र (1-4-7 . 10) स्थान में तथा दूसरे आठवें अथवा बारहवें स्थान में हो तो अशुभ फलदायक है, किंतु तीसरे, छठे या ग्यारहवें स्थान में हों तो शुभ फलदायक होते हैं। शुभ ग्रह केन्द्र स्थान में, नववें, पाँचवें, तीसरे या ग्यारहवें स्थान में हों तो शुभदायक हैं और शेष ग्रह दूसरे, छठे, आठवें या ग्यारहवें स्थान में हों तोसमान फलदायक हैं। गृहप्रवेशया गृहारंभ में शुभाशुभ ग्रहयंत्र - वार उत्तम रवि सोम मंगल बुध 3-6-11 1-4-7-10-9-5-3-11 3-6-11 1-4-7-10-9-5-3-11 1-4-7-10-9-5-3-11 1-4-7-10-9-5-3-11 3-6-11 3-6-11 मध्यम जघन्य 9-5 1-4-7-10-2-8-12 8-2-6-12 9.5 1-4-7-10-2-8-12 8-2-6-12/ 12-6-8-121 2-6-8-12| 9-5 1-4-7-10-2-8-12 9-5- 1-4-7-10-2-8-2 गुरु शुक्र शनि राहु-केतु जन-जन का उपवास जैन वास्तुसार 26
SR No.032324
Book TitleJan Jan Ka Jain Vastusara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratap J Tolia
PublisherVardhaman Bharati International Foundation
Publication Year2009
Total Pages152
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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