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________________ cecececece i sosososos रहकर वे निसर्ग - दर्शित शुद्धिकरण एवं पूर्णता प्राप्ति का मार्ग, विश्वकल्याण के सर्वसामान्य उद्देश्य से अपनाते हैं और उपदेश देते हैं। नमो सिद्धाणं सिद्ध: www नमस्कार उन परमोच्च आत्माओं को, जो इस नाशवंत स्थूल शारीरिक देह के बंधनों से मुक्त हुए हैं और जिन्होंने सदाकाल के लिये इस पार्थिव अस्तित्व से अपने आप को उठा लिया है और जो ज्ञान, दर्शन, सुख, सामर्थ्य के अनंत गुणतत्वों में लीन हो चुके हैं। जिस प्रकार हमारे जीवन हेतु हम विश्व में से प्रकाश, उष्णता और अन्य उपयोगी तत्त्व प्राप्त करते हैं, उसी प्रकार केवल उनके पवित्रीकृत मुक्त बने हुए अस्तित्व से वैश्विक जीव अपने आत्मसाक्षात्कार के मार्ग पर दिव्य कृपा के जागतिक नियमानुसार फलप्रद साधनसामग्री की संपदा प्राप्त करते हैं। आचार्य: नमस्कार उन आचार्यों को जो सर्वज्ञ आर्हतों द्वारा निर्दिष्ट (किये हुए) तत्त्वों का आचरण करने में और पूर्ण रूप से उपदेश देने में और सत्य की मशाल से ज्योति से विश्व को सम्यग् दर्शन, सम्यग् ज्ञान, सम्यग् चारित्र के राजमार्ग पर ले जाने में समर्थ और तज्ज्ञ (निपुण) हैं। नमो उवज्झायाणं उपाध्याय: नमो आयरियाणं नमस्कार उन उपाध्यायों को जो सदा ही पवित्र शास्त्र ग्रंथों का अध्ययन करने में लीन रहते हैं और उनका सम्यक् तात्पर्यार्थ समझने के बाद आत्मजय के विज्ञान में वे साधुसाध्वियों को शिक्षा देकर तैयार करते हैं और पवित्र शास्त्रों के गुप्त गूढ़ रहस्यों के विषय में बहुजन समाज को प्रेरणा भी देते हैं। नमो लोए सव्व साहूणं साधुः नमस्कार उन साधुओं को जो अपने वरिष्ठ गुरुजनों, आचार्यों और उपाध्यायों की 11 5050303051 FREEEEEEEE 11 JA
SR No.032318
Book TitleNavkar Mahamantra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratap J Tolia
PublisherJina Bharati
Publication Year
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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