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________________ First Proot Dr. 21-3-2017 -5 (v) हुई उसकी आँखें हैं, प्यार से भरा उसका दिल है, भीतरी सत्य की गहराई से उठकर आनेवाले उसके शब्द हैं और घायल वृद्धावस्था में भी सेवा-शान्तिस्थापना के हेतू समर्पण-तत्पर उसका शरीर । १९४२ में भारत में उनका जन्म हुआ है। दूसरा प्रमुख पात्र है जनरल व्हाइटफिल्ड का । ६८ वर्षीय यह जनरल विश्व के एक बड़े राष्ट्र का सब से बड़ा सेनाधिकारी है। विगत तीसरे विश्वयुद्ध का (जो कि इ.स. १९९६ से इ.स. २०१० के बीच खेला गया माना है) वह अनेक प्रशस्तियाँ प्राप्त विजयी हीरो है । तब से ही उसने बढ़ती पाई है और अब वह चौथे विश्वयुद्धके समय ग्रहोपग्रहों से खेले जाने वाले विराट,वैज्ञानिक तकनिकी और सर्वविनाशक अवकाशी युद्ध का अपने राष्ट्र का सबसे बड़ा जिम्मेदार व्यक्ति है।अनेक खिताबों और चांदों से लैस युनिफोर्म में सज्ज यह जनरल अत्यन्त दृढ़, हिंमतवान, बुद्धिप्रधान और क्रूर है। ठीक मौके पर उसके परिवर्तन के निमित्त बनते हैं बूढ़ेबाबा, उन्होंने दी हुई गांधी-परिचायकसंपत्ति और अपने कुछ स्वजनों एवं देशवासियों की युद्ध के कारण मृत्यु । आंतरिक और बाह्य संघर्षों से गुज़रकर अंत में वह परिवर्तित होकर अपने पूर्व के महासैनिक महात्मा गांधी और बूढ़े बाबा के चरणचिन्हों पर चलता है। इस में भी अपने वीरोचीत पुरुषार्थ का वह दर्शन करवाता है। जनरल के बाद मार्शल मॅथ्यु, लैफ्टेनन्ट, स्पैस-सोल्जर इत्यादि पात्र भी अपना महत्त्व रखते पार्श्वध्वनि, पार्श्व-संगीत, पार्श्ववाणी, प्रकाश आयोजन इ. नाटक के वस्तु, कल्पना, समय, सांकेतिक निरुपण, इत्यादि के कारण ध्वनि, प्रकाश, संगीत इत्यादि का एवं पार्श्वगीत का स्थान स्थान पर प्रयोग किया गया है : समग्र आयोजन के पीछे एक ही दृष्टि है गांधीजी के जीवनदर्शन को प्रभावपूर्ण रूप में प्रस्तुत करने की।
SR No.032302
Book TitleMaha Sainik Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPratap J Tolia
PublisherYogindra Yugpradhan Sahajanandghan Prakashan Pratishthan
Publication Year
Total Pages60
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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