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________________ No. Date (४० तेनी उपर भारी नांजीने ने ढांडी हेपाय तो, होष खोछो लागे. परंतु, नवो जाडो जोहीने न परडवाय. डारएग डे, नवो जाडो जोहवा क्तां, यार खांगजनी कमीन नीयेनी मारी सयित होवाथी असंख्य पृथ्वी डायनां भुवोनी विराधनानो दंड लागे छे. खा वधेलां अगणीने रद्दी -पस्तीमा पए। न खयाय हे पछी पाएगीमां मा न नजाय. કારણ डे, पाएगी सचित्त होवाथी खसंज्य अपडायनां भवानी हिंसानो दंड लागे.. (22) (20). खापली मालिडीनी, जाप हाहानी होर्ध ४मीन, गामडाहिमां भे खायली पासे होय खने डोर्घउने लाडा उपर खायेल खा भीन उपर खायो पोते तो जेती जाहि न डरीखे परंतु, अन्य द्वारा ते कमीन उपर मे खेती थाय तो ते जेती निमित्ते थयेल, असंज्य पृथ्वीभयनां भुवोनी विराधनानो दंड खायलाने पएग लागे छे. आरए। के, नेयां उपरनी खायगी मालिडी उली होय, ते स्थळे धनार तमाम विधिनाना लागीहार, खायाने पए। थयुं पडे छे. ( अनुमोहनाना माध्यमे ). तेथी, खापली मालिडीनी क्या उपर जेती डरवा माटे जन्यने समाय नहीं. संसारी भवने गृहस्थ भवनमां जसंजय पृथ्वीद्वाय भवोनी विराधना दुरीने जनेस खारस, ग्रेनाईट, नाही कोरे पोतानां धरमां, ना छूटडे जेसाडवी पडे छे. परंतु, जाने धगां लोओ, पधु पडतां पैसानी छूटनां सीधे, मात्र हेजाहेजीथी अथवा शोज खातर अथवा ललड़ाहार घर जनावीने दुनिया समक्ष मोटो हेखाडो डरवा माटे, थोडा थोडा समये, वारंवार धरनी बनी साहीखो डाढीने, नपी साहीखो मात्र Show off जातर बेसावडावे छे. खायुं न दुराय. खायुं डरवाथी, जिनकदूरी जसंजय पृथ्वीजयनां भुवोनी विराधनानी अनुमोहनानो छेड धरनां तमाम सहस्योनां माथे लागे छे. डारग डे, जाए मां सथित्त स्वश्ये रहेल जसंजय पृथ्वी डायनां भवोनी विराधना थया जाह ४, खा लाहीजो तैयार थाय छे. तेथी, विशेष डारए। बिना, धरनी साहीखे जहलवी नहीं, धरना Renovation जाहि डार्यो दुरापयां नहीं. (22) हेवला मां घणां हेवताजो, हेपलोडनां पोतानां विमानानां रत्नो उपरनी तीव्र खासहित धरावनार होय छे. पोतानुं छ महिनानुं खायुष्य मात्र बाडी होय त्यारे, खा हेवताखो पियारे छे डे, ' छ महिन जाह, खा लवनं खायुष्य पूर्ण थशे त्यारे खा प्रिय रत्नोने छोडीने
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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