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________________ जायारंग सूत्रना प्रश्न - न्वाल मेन सागम 'ग्री मायाशंगसूत्र'नां प्रथम श्रुतस्थ'नां प्रथम अध्ययनना बील देसामां, प्रलुपीरनां गएधर श्री सुधर्मास्वानीने छायेल समूह प्रश्नो सने पून्य गाधर लायंत पडे सपायेल तेना वालो, नीये प्रभारी छ: प्रश्न- पृथ्वीडायनां शुषोनी हिंसा रनारने उर्छ तुझानी पेठवी पडे छ? वाल-प: पोतानां डार्योमा मातहत घर्छ, सनेड प्रहारना शस्तो द्वारा, पृथ्वी धर्म समारंली ससंज्य निर्दोष पृथ्वीडायना योनी ने हिंसा डोछे, ते पृथ्वीने मानित अन्य अनेक प्रडारनां पनस्पतिहाथ साहि योनी हिंसा पाने पोते डरे छे, शटो छे मघवा हिंसानी शिनुमोहना ने खात्मा डरे छे, तेने .या लपा तथा परलपमां मनेड नसानीमा पेहवी पडे छे. डारपुडे, पृथ्वीडायनी जिनपरी हिंसा, जे उर्मबंधनुंडारा छे, मोहन डारणा छ, मरहामुंडारए छसने नरगतिमां न्वातुंडारा छे." -मायुंमु प्रलुवीरे श्री सुधर्मास्यानीने व्हएाप्युं तुं मने गाधर श्री सुधर्मास्वाभीसे पोतानां शिष्य श्री स्पाभीगे मायारंग सूतमा नगापेल छे. तेथी, मात्मा भाटेसहितहारी त्या मोधिनीनो नाश डरनारी, लिनरी पृथ्वीडायना मसंध्य योनी हिंसाधी मापुं. प्रश्न: पृथ्वीडायना नुयो तो हेजता नधी, संघता नथी, सालणता पा नधी, तो पछी तेमने पेहनानो मनुलव ठेवी रीते थाय छ। व्याज- रसूधर्मास्वामी हे 23,-"वी रीते डो सेड माएास, सन्मधी र सांधणो, अहेरो मने मूंगो होय, तेने डोर्थ लामाथी लेटे, तलवाराहिथी छे?, अॅर्ड पाने लेटे-छे, धुंटीने, पिंडीने, घुटाने, लंघन, इमरने, नालिने, पेटने , पांसगीने, पीहने, छातीने, हायने, स्तनने, मलाने, बाहुने, हायने, सांगलीने, नमने, गणाने , हादीने, होहने, हांतने , जलने, तागपाने, गालने, लमाणाने , डानने , नाहने, मांजने, लमरने, ललाटने सने मस्त ईत्यादि अवयवोने छेटे-लेटे, तेने भूर्छित रे, भारी नां त्यारे तेने पेहना धाय छे. परंतु, ते
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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