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________________ Date (Syाडोई शाइलालु सभार्या पार सामांने यामां न शंधवाः लीडानाडा नसुधारयां, ला सुधारतीयमतेपासून या राजो. शाह समारती पणते, पातथीतरपी, टी.पी.यु मन्य प्रवृत्ति उश्यी नहीं. शाह पशेजर ध्यानथी युनो ध्यग नीडजे तो तेने नानां पासणामां से डरी, यापूर्वऽ , सलामत स्थगे ही पी. ध्यणपागां झेतरां पए, यतनाथी सलामत स्थगे छोऽपां. लीनी पाडीमाध्यमोहन नाप्नपी. परंतु खेहमाहोरी पाठीमांईयणोने लेगी श्यी: लेगीथयेवः ईयगोने, घरनी खारीमाथी ईडीन यायः परंतुनीये उतरीने, प्ठयां लडडोनहोय तथा यांग सोडोनी सयररूपरं न थती होय, तेयां हुवाणां निर्जन स्थानमां कईने, डाणपूर्वऽ , छोडी मापपुं. (शा. शाड समाश्यानुं द्वार्थ नोडशेने लरोसे न छोऽपुं. मेथीनी लामा मूल भूभाण्डेसारी रंगनी र्छयो, लगलग, होय छे. यारणीभां याणवाघी, तेनी वयाएपथळ शांप्पनी ड्याशवाणांसोगे शाह सभारपुं नहीं माले पर्तभानभां,शियागाभां भगनारी मेथीनी लाजुभा नानी-नानी अपांतनी उत्पत्ति तथा पिराधना पुष्टग प्रभाएामां पधी गयेव होपाथी, मेराध्य. जने तो, अयमभाटे, भेथीनी लाजुनो पपराश, छोडी न हेयो गोमे. ( जांडने प्रशनर साइ हुरीने त्यस्ता मामांरानो तेने लेष लागतां, तेमां पाटा, घशीयार छीएपी-सीएसई ध्यगोपाय छे. तेथी, पूर्ण डागनु रानपी........... (४) साम पर भरयांमा,ते यनी पुष्टण नुयांत थपानी संलापना छे. तेथी, मूजन्यापूर्व, भरयांने जरामर धीखेयां तेममने पाहां भीडाथी मोर्थ हेवाधी, सालभरयां सुरक्षित रहे छे. त्यारबाट, तेमांनुपांतोनी उत्पत्ति, प्राय: हुरीने रहेती नथी..... () रार्थ, मरयां, धाएतुएं तथा अन्य भसाटाभां, तेनां न बानी जीएी-श्री यांतो थवानी एरी संलापना छे. तेथी, जराजर
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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