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________________ . No. ....(239) Date : . सोनारांसोने जयापपानो न्यानो माप नहीं कागे, परंतु साप प्रत्ये उपेक्षानो र लापनगरीयासरो ने ?" या () डीडीनुं शरीर मारि मने ध ना होय छे. तेथी, रस्तां उपर यावती पणते, धीरपूर्व, ध्यानथी यवाय, तोन्न यासती डीडीसोने हेप्पी राद्वाय. रस्तानां यासती पणते तापनधी न थालj, परंतु, शांतिथी-नीथेनेने, डोडियां भार्या पगर थाल'.न्धी, निर्दोष डीडी-मंडोडा साहि तेन्द्रिय अपोनी विराधनाधी नयी शहाय. मा हुजनी पातत्ती से छेडे, मनो लोनीये-नेयां पारा याखेर छे, परंतु टा-टडानी पहा जुपहिंसाथी जयषां मारे, नीये नेऊन त्यापूर्वऽ थालपाने बहले, उपर लेने खाडान्सषणां , डाोडियां मारता-मारतां याले छे. शड्याजनेप्ती, होड' नहीं : डारए, होडपाभानीयेने डीडीन्माधिपोनी क्या सायपी ना शाय. ( छाघरनी लाही जेस होय अथवा डिझाईन पिनानो सह मार्जल को घरमा साडेस होय, तो यामती पनते, डीडीनी न्याएा सारीरीले पाणी शडाय छे. डारए। डे, रंगीन साठीभां तो डीडी होपां छतांय, हेजायन नहीं. तो तेनी पिराधिनायी डरीते जयी शाय? खा पातनी सभष्टानां मलाये, हाय रंगीन साही नजाई गई होय, तो हपेशं उरघु? यालती पजते डीडीनी विराधनाधी ने जयपुंहोय, तो रंगीन माही उपर सई - न्येन्टि मशपी हो तो पायाली श. डीडी स्पष्टपणे हेमापाथी, तेनी विराधनाथी जग्री शहाय छे. या का। मलारभाधी, सोशलभां-जाएगीमा- डमीमा डोऽपिए माध पार्थ मनपा पालापेला होय, तो ते पाप- जाट, छेटले जोटलने पाएगीधी धोने, धोयेj पाएगी पापरी नांजपुं. त्यारजाह, हुपडांथी लोटल-जरएगी-पुष्पीने ने रेपूरी डोरी डरी नापामा मापे, तो पाणी थनार डीडीनी उत्पत्ति नबने विराधनाची जयी शहाय छे. (घ) डोई जोरानां उहियांनी पर ढगसाध डीडीमो यटी ગયેલ જો તમને દેખાય, તો જયણાપૂર્વક તે ખોરાકનાં કણાને ई लेपुं. जोशनो ऽपियो र थपायी, डीडीओ खापोमाप
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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