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________________ (૨૨૧ (3) खथागां- मुरब्बां जनापती घेणाखे तथा जनाव्यां ना पए। भवहिंसाथी जयवा मारे अर्धदुर्ध अजभ लेवी, तेनी विशेष पात, द्रुमसर व्यवस्थित points साथे, नीये मुरज पियारीखे : () मुरज्जां वगेरेनी, यासाएगी, मे नरम रही लय, तो १०-२० दिवसमा ४ सील-डुग थर्ध नवानो संलप रहे छे. माटे, प्रएा तारपानी पाडी यासगी उरखी. यासएगी भए। तारी ४रपाथी, ढीलां गोज नेवो मुरज्जो थशे: म्ह gh (2) सूडवाणी नेवी तेवी उराय, जराजर तडां न हेपाय, तोते अथाएगां वगेरे प्रा· हिवसथी अधु याली राडे नहीं. माटे, 558 जंगडी नेवा करयां. ते माटे प्रएरा, पाय, " सात के पंहर हिवस पए। तडको खायचो पडे.. 4452 जर iu खथाएगां कोरे डरतां, पाएगीनो अस्य पला स्पर्श न थपा हेवो. पाएगीपानां हाथ होय तो ते जराजर डोरा डरवां.. () खथागां वगेरे लरपानी जरगी, गरम पाएगीधी साई दुरीने, छोरी डरपी. न३२ पडे तो, तडङामां जुल्सी पड़ा मूडवी. संहर ज्याय पए। पाएगीनो अंश रहेपो भेर्धखे नहीं, नहीं तो, तेमां लरेलां खथाएगां कोरेने जगडी क्तां के सील-डुंग थतां, वार जागशे नहीं. (4) अथाएगां वगेरे हाथथी (जुल्लां) जहार डाढवां नहीं. खेडहम डोरां यमयाथी ४ डाढवां डाढती पजते पएए, तेमां पाएगीनो खंश पए। हाजल न यर्ध भय, तेनी संलाज लेवी. अथाएं नोडर-याडर डे जाजडो पासे श्रावथुं नहीं: उपयोगवाणी व्यक्तिखे भते ४ डाढ ४३ पडे तेटसुं स्थाणुं डाढीने, तरत ४ जराशी बंध दूरी हेवी, जुल्ली राजवी नहीं. जएगी उपरनं ढांडएम सजत (airight) होयुं भेर्धखे, पोसुं न याले. पणी, ढांडा बंध ऊर्जा पछी, ते ढांडए। इयडांथी मन्जूत रीते बांधवु. इंडमां नराय हुवानी प्रवेश थपो भेर्धखे नहीं. मे लेक्वाणी हुवा, सहेन पाए, संदर प्रवेशी भय, तो स्था; तरत जगडी भय, सील-डुग धर्ध भय. ज्यांय पाग, खभायो पए। लूल थर्ध भय तो मोटी विराधना उली थाय छे. माटे, मनने मनापीने, खथाएगांनो त्याग ४, डरी हेपो 'श्रेष्ठ' छे. यातुर्मासमां तो जास तेनो त्याग डरी हेवो खने यातुर्मास पहेलां ते पायरी नांजवो, पूरो डरी नांजवो. (5) मेथीवाणु जथाएं जीरे हिपसे 'खलक्ष्य' जने छे. खने छीं !! No. 1 Date KOKUYO W-NB280U
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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