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________________ Date : . लानरामायुध्यनो पा क्षय थयेख नथी. तेथी, तमाश घार्नु सही न खापयानुंडारए नरऽगतिनो मलाप नथी परंतु, नारऽ अयोनी परतंत्र अवस्था- मे हारा छे. मेरले, नरहलोडनां नार अपोर्नु, मही पृथ्वीलोऽनी पर सामात् सागमन न थवा भाप्रथी नरहनी दुनियानां मस्तित्वनो मिलाप न मानी शहाय, तेथी 'परसोड' मेषी पस्तु तो थोडसपी / प्रश्न-उमाशं पर खत्यंत स्नेह धरापतां मारा हाहीमा, धर्मना प्रलापे हवलोडमां गया होय तो, भने प्रतिरोध ज्या भाटे सही शा माटे न मापे मार सूयपे छ हेपसोड नामनी डोई दुनिया छे४ नहीं. सरे, सासोऽ सिपायनी परलोड नामनी दुनिया छे र नहीं ले होय तो समने सिद्ध ऽरी जतापो. स्पाज- अहेवलोऽमाथी सही न खापपानां डारो नीये मुरम छ: का स्वर्णयालोऽनी सरजामहीमा, खा मनुष्यलोड घणो हो छे. आपणां मनुष्यतोऽथी 300 -प०० योन्हन हर होपां छांय, महीनी पिने तेसो सही न श . भाटे, सहीं न मापे. सहिष्य डामलोगोा जूज मशगूल बनी भयछे सने मानवीय सुप्रोमां तेभनी इयि रहेती नथी. भाटे, सही न सापे. असे हेपनो , मनुष्य सायेनो नो संबंध ही गयो होय छे मने बील-बापु, हेपाहेपीमो सायेतो नवो गाढ प्रेम संहभेटी होय छे. नयां पात्रो साथेनी सतिशय गाढ लागी बंधार्यवाथी, नूना भनुध्योऽनां स्नेहीनो सानां संबंधोनुं पूरेपूरे विस्मरा प्रायः दुरीने थर्थ तय छे. - का नावना अणमां पए, हेयतामो साक्षात् लले नहेमाय परंतु, घणीपार परमात्मानां प्रमाप सने प्रलुलतिथी जैयाईने, खा पृथ्वीटोऽ उपर खाप छ. मातनां जयोना हृध्यमां, प्रल प्रत्येनो लहितलाष, सहोलाप सने श्रद्धा पधे ते भाटे, हेयो द्वारा किनालयमां सनीठरएगा, सर छोरए, छप्रनु एमपोर यमत्डारी मा पए थाय छे, रे मापी सहमे खनुमपेज- नेयेस अथवा सालगेल पण हिशे. तेथी, ना हेवतामोनू निवासस्थान सेवा हेवाड' नामनी दुनियाj अस्तित्प साना द्वारा स्पष्टपो सिद्ध थाय छे..mono wammu
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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