SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 22
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Date वस्तुने पए को भानो तो पछी, या दुनियामा गधेडाना शिंगडासिने पारा वापन सस्तित्प पए, न पापा छतांय,मानपुं घडशे. यालरो ने परंतु, ते तो ईष्ट नथी, मान्य नधी. सवाल-4: पोताने नहेमाती घी पस्तुसोने माटे हुनिया माने छे. ता महेल, हिव्ही, साल श्वान, कुतुबमिनाराहि स्थगोने हम सुधी न लेपा छताय, सने हालां न हेलावा छाय, ने सापो भानीये छीमे, तो पछी, मपी मेवा खात्माने, न हेमाया छांय, मानपानां शुं पांधी छे? खापएने मात्मा लले प्रत्यदु नधी हेजातो , परंतु, सिलगपंतो, डेयणीलगपंतो, अनुल्ति संपन्न मात्मामाने तो मात्मा प्रत्यक्षपो सासात अनुलपाय छे. प्रश्न-र: मापनी मान्यता मुरुष,सत्यंतर, हिंसामने पापी नेपा भारा पहा, मरीने ने नरशमां गयां होय मने त्यांनी ती वना ने सही रयां होय, तो तेस्रो मही यापीने , शामाटे भने समनपता नथीरमाश उपर मेमनो अतिशय स्नेह होयाथी, भाश सत्यो-पापो मडापपानी प्रेरणा उरपा भाटे, हुतु सुधी. महीं शा माटे नथी साप्यार मेरसे, शरीर भने मात्मा कुटान्नुहां नथी पए मेऽ छे आने परसोड रेपी डोई पस्तु नधी, नरडलोड रेपी छोई दुनिया र नथी. ले होय तो हम सालित हरीने जतायो. नपान सहींची भरीने, नरभां गयेल मात्मा, सही रहेस पोतानां पूर्वलपना स्नेहीनो पासे न सावधानां डाएगेनीये मुरुम छे: नरामा रहेलो नुव, मा पृथ्वीसोऽभा सापपा ठग्छे, तो पए यापी न रा . डारण डे, तेने देश मात्र पए स्वतंत्रता न होय, रेप्रो परतंत्र होय. सतत प्रास मापनारा त्यांना डडोर संप्रीमो एपश्माधामी यो एवार भाटे पए नारहना जुयोने छूटो न भूडे. स नरहनी नयहरहना तेने खति विवण डरी गांजे छ. घां | रोगोती सतत हानीनां सीधे, शरीर भने मनथी सत्यंत प्रस्त, मेयां नारने शुसूछे नहीं. पेहनीय धर्म रेप न लोगवाय त्यां सुधी, नारनो तुप पोतानी ध्रछा मुरज ध्याय पहुए नई न राडे.
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy