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________________ • (१०७ पसार थयेसां संतर्मुहूर्तमा पा थोथी पर्याप्ति पूर्ण हुरी नथीशहतो - तेम समन्यु • पर्याप्ता नपोमां: खेडेन्द्रियने पहेली यार , पंयेन्द्रिय गर्ल तिर्थय,गर्ल मनुष्य, पालथा नारने छ,बाडीनां सघणां पर्याप्तानियोने पाय पर्याप्ति प्राप्त धाय थे, या तेमनी स्पयोग्य पर्याप्तिइवाय छे. यो पर्याप्ति रखी पर्याप्ति हुई का पर्याप्ता ठन्द्रिय यो साहार, शरीर,न्द्रिय | ज्यायोग्यास शा पर्याप्ता विश्लेन्द्रिय यो माहार, शरीर, इन्द्रिय प्यारछोग्यास, पापा अपर्याप्ता ससंझी पंयेन्द्रिय साहार, शरीर,न्ट्रिया વ્હાચ્છોશ્વાસ, ભાષા पर्याप्ता संती पंयेन्द्रिय साहार, शरीर,ईन्द्रिय श्वारछोण्यासालाघा,मन पा सधणां अपर्याप्ता साहार, शरीर, ईन्द्रिय
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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