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________________ No. Date ૧૫ ૯ जिल्डींगनां एभ्पाउन्डमा समेह नाही रजयवा खारस जैसाडी हे थे. तेरस उपाय छे. तनाव, याशींनी रांडी कोरेनां पाएगी उपर, लीलां यांनी शेवाण में जाली भय छे, ते पाए। सनंतडाय छे, तेथी खा शेवाणनी विधिनाथी जवानो प्रयत्न खो शालाभयाजो के सारी उपर अंधा-लटेटां खाहि इंहभूग पेशतो होय, ते लारी उपरथी, इंहभूण सिवायनां इन-छूट के अन्य शाउलाभ जरीहाय नहि खरे! वे लाबी उपर अनंतकाय रहेल होय, ते सारीने खडवा मात्रथी पए, अनंता अपने डिसामागां शती होवाथी सेवी सारीने, जडाय पाए नहीं. 4) सततने सतत पाडी रही भवाने डाडो, आधइमनी लाही उपर जवा आधइमनी लांतो उपर, लीलां डानां वगेरे धर्गुनी बील ध य है. तेमां पाडा, अनंता भवो रहेलां होय छे खा अनंता भवोनी विराधना थी अथवा माटे, जायइमने डायम कोई सजवानी विशेष डाजसेवी. येथी लेकनां दुरा] धती सीलनी उत्पत्तिनी -21821-18:01:22. 4) संडास- नाथश्मनां नानां गगांनो, सतत लीनां रहेणाने सीधे, तेनी उपर के लीलां डाला रंगनी श्रीकाश जाडी, गोली लागे छे, तेने सील ४ उहेपाय छे नजनां गरएवं उपर योल लीलनां जनंता भवोनी विधिनाथी जन्यवा माटे, हर जे-जे हिवसे को नगनां गए महली नांजवा आवे तो, जीसनी संभावना सटडी भय छे. सीसी सूंघ (जाहु), लीली जहर रजने लीलो उयूरो, खा घाए। अनंताय है. भाटे, लीलां होय त्यारे न पपराय तेभने आर्द्र उत्रिए तरीके, हेवामां आवे छे. रजा प्रागेय वस्तुनो सुडव्यां पछी, अमित अवस्थामां यापरी शडाय. परंतु, सूक्ष्ववानां सारायची, आपने चोते, जगरमाथी लीली सूंह (खाटु) लावीने सूडवीजे, तो न थाते. परंतु, जभरमां सामान्य भन . माटे, मोटां प्रभागमां लीली • आहुर सूप्रभावाय रखने, सुंठ इो जनाधाय तो ते आपणुतेजची शडे डा खाया माटे स्पेशियल सूडवीने अनंता भवानी विराधना यथेल नथी, सवाल: लीली खाहु सूडार्धने खशित्त थयां जाट वापरी शडाय तो यही खेल
SR No.032283
Book TitleJeevvichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJ R Shah
PublisherJ R Shah
Publication Year
Total Pages392
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati
File Size14 MB
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