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________________ | ए. , प्रथम संस्करण - प्राप्ति स्थान 2200 प्रतियाँ - १. पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट | ए-४, बापूनगर, जयपुर-३०२०१५ 26 से 28 मार्च, 2017 २. पूज्य श्री कानजीस्वामी |श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जिनमन्दिर खैनगढ़| स्मारक ट्रस्ट, दवलाला के शिखर कलशारोहणोत्सव पर प्रकाशित | कहाननगर, वेलतगाव रास्ता लामरोड || देवलाली,नासिक-४२२ ४०१ © सर्वाधिकार सुरक्षित ३. तीर्थधाम मंगलायतन न्यौछावर : दश रुपये मात्र | पो.- सासनी २०४ २१६ मुद्रण जिला- हाथरस (उ.प्र.) |४. श्री परमागम श्रावक ट्रस्ट जैन कम्प्यू टर्स, जयपुर मोवाइल : 094147-17816 आ. कुन्दकुन्द नगर, सोनागिर e-mail सिद्धक्षेत्र-४७५६८५ jaincomputers74@gmail.com जिला-दतिया (म.प्र.) अनुक्रमणिका 1. आहारदान की अनुमोदना का फल 2. श्री ऋषभमुनि का हस्तिनापुर में प्रथम पारणा 3. कर्मोदय की बिडम्बना में भी ज्ञान-वैराग्यशक्ति 4. श्री वर्द्धमानमुनि का सती चंदनवाला द्वारा पारणा 5. श्री वर्धमानमुनि को केवल्य और चंदनवाला की दीक्षा 7. महासती चंदनबाला : पूर्वभवावलोकन 7. महाराजा पद्मनाभ (चंद्रप्रभ भगवान का पूर्वभव) 8. धातकीखण्ड में अजितसेन चक्रवर्ती (चंद्रप्रभजी का पूर्वभव) 49 विद्युच्चर राजकुमार के परिणामों की विचित्रता 10. विद्युच्चर मुनिराज का संघ सहित समाधिमरण 11. पराश्रित परिणाम नियम से दुःखदायी 12. राजगृही में विश्वनंदि राजकुमार (महावीर भगवान का पूर्वभव) 13. मनुष्य दुखी और तिर्यंच सुखी (शांतिनाथ भगवान का पूर्वभव) 66 14. श्रीकृष्ण की जन्मकथा एवं पृष्ठभूमि 72 (2)
SR No.032272
Book TitleJain Dharm Ki Kahaniya Part 23
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaribhai Songadh, Premchand Jain, Rameshchandra Jain
PublisherAkhil Bharatiya Jain Yuva Federation
Publication Year2014
Total Pages84
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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