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थोय :
विजया सुत बंदो, तेजथी ज्यु दिणंदो, शीतलता चंदो, धीरता गिरीदो, मुख जिम अरविंदो, जास सेवे सुरीदो, लहो परमानंदो, सेवना सुख कंदो ॥१॥
३. श्री संभवनाथ भगवाननी स्तुति :
आनंद मंगलकारी तुज मूर्ति साचे, मेघो जन्म निरखी भव्य मयूर नाचे, पुण्ये मळे विमल दर्शन माप केरा
दूर टळे त्वरित संभवनाथ फेरा, चैत्यवंदन :
सावथ्थी नयरी धणी, श्री संभवनाथ; जितारी नृप नंदनो, चलवे शिव साथ ॥१॥. सेना नंदन चंदने, पूजो नव अंगे। चारशे धनुषन देहमान, प्रणमों मन रंगे ॥२॥ साठ लाख पूरव तणुओं, जिनवर उत्तम आय।
तुरग लंछन पद पद्मने, नमतां शिवसुख थाय॥३॥ स्तवन :
संभव जिनवर विनति, अवधारो गुण ज्ञातारे । खामी नहि, मुज खिजमते, कदिये होशो फलदातारे ॥४॥