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जयणदिविरइयउ
[९. ३. १३दडइ कायरो रडइ गयवरो । वहई मयजल रहइ धरयलं॥ कुणइ परिमलं रुणई" अलिउलं। . .. १५
दुवइ भासिया कुसुमक्लिासिया। घत्ता-चाउरंग बलपरियरिउ णरवइ छुड़ छुडु णियडए ढुक्कउ। ___एत्तहि मायाबलसहिउ रयणीयरु सवडम्मुहु थक्कउ ॥३॥
तो गजइँ रणरहसुन्भिण्ण आभिट्टइँ णिवणिसियरसेण्ण। मिहुणइँ जिह रोमंचियगत्तइँ मिहुणइँ जिह तरलावियणेत्तइँ ।। मिहुणइँ जिह उद्दीवियरोसइँ मिहुणइँ जिह धावियमुहसोसइँ'। मिहुणइँ जिह विरइयसंबंध मिहुणइ जिह वरकरणमयंधइँ ॥ मिहुणइँ जिह विक्खित्ताहरण. मिहुणइँ जिह उच्चाइयचरणइँ। मिहुणइँ जिह आमेल्लियसुसरइँ मिहुणइँ जिह पुणु पुणु दरहसिरइँ ॥ मिहुणइँ जिह सेउल्लणिजलइँ मिहुणई जिह कड्ढियकरवाल । मिहुणइँ जिह आयवच्छयलइँ मिहुणइँ जिह मुच्छन तणुवियलइँ ॥ घत्ता-तो उल्ललइ चलइ खलइ तसइ ल्हसइ णीससइ पणासइ।
णिसियरबलु णिवसाहणही णववहु जेम ससज्झय दीसइ ।।४।। १०
वितरेण तं धीरिउ णियबलु पुणरवि भिडिउ गहिरकयकलयलु। जाम ताम सहसा धूलोरउ उदिउ बलहँ णाई विणिवारउँ ।। लग्गेवि पयहँ णाई मण्णावइ विहुणिउ तइ वि कडित्थिई पावइ । तह अवगणिओ वि णउ रूसइ वच्छत्थले पेल्लंतु व दीसइ ।। दुण्णिवारघायहँ णं संकइ दिट्ठिपसरु णं मंडएँ ढंकइ।
३. १० ग घ महइ । ११ क भणइ । १२ ख इ। ४ १ क सासई; ख पाहाविय सोसई। २ घ सोउ। ३ क ससंभमु।
५. १ ख गहिरु । २ क उहय । ३ ख वारिउ । ४ ख लग्गउ। ५ के कडच्छहें ; ख ग घ कडच्छहि । ६ ख मंडवि ।