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________________ ८२] मृत्यु और परलोक यात्रा उच्चकोटि के कलाकारों, संगीतज्ञों, कवियों, लेखकों, धार्मिक एवं आध्यात्मिक व्यक्तियों, डाक्टरों, इन्जीनियरों, सैनिकों, मेकेनिकों, मोटर ड्राइवरों, ज्योतिषियों, वैज्ञानिकों, धार्मिक शिक्षकों, गणितज्ञों, भवन निर्माताओं, मूर्तिकारों आदि विशिष्ट वर्ग के व्यक्तियों को ये जीवात्माएँ सदा सहायता करती रहती हैं जिससे इनके कार्यों में अधिक श्रेष्ठता आती किसी उलझन में फंसने पर ये प्रत्यक्ष रूप से सहायता को उपस्थित हो जाती है। कई जीवात्माएँ आपरेशन भी करती हैं। गणित की समस्याओं का हल करती है तथा लेखन कार्य भी करती है। किन्तु यदि इनका स्वयं का लक्ष्य भ्रष्ट तरीके अपना कर पैसा कमाना मात्र ही होता है तो ये इनकी सहायता नहीं करती जिससे ये कभी भी अपने कर्म में श्रेष्ठता प्राप्त नहीं कर सकते। ___ इसी प्रकार दुनिया के महानतम सेवा संगठनों को भी ये आत्माएँ सदा संरक्षण एवं सहायता करती रहती हैं जिससे ये निर्बाध गति से कुशलतापूर्वक कार्य संपादन करते रहते हैं जैसे स्काउटिंग, रैड क्रास, विभिन्न सेवा संगठन, थियोसॉफी एवं अन्य धार्मिक संगठनों को इनका संरक्षण प्राप्त है। इस प्रकार निकृष्ट एवं दुष्ट प्रकृति के. लोगों को भी उसी प्रकार की दुष्ट आत्माएँ सहायता करती रहती हैं जिससे वे अधिक दुष्ट कर्म करने में कुशलता प्राप्त कर लेते हैं । जैसे चोरों, जेब कतरों, गुण्डों, हत्यारों, आततायियों, शोषकों, रिश्वतखोरों आदि को निकृष्ट आत्माएँ सदा सहायता करती रहती हैं । अरविंद आश्रम की श्री माँ ने अपने गुह्य अनुभव के
SR No.032177
Book TitleMrutyu Aur Parlok Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandlal Dashora
PublisherRandhir Book Sales
Publication Year1992
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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