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________________ . मृत्यु और परलोक यात्रा था। उस समय एक विधायक चार्ल्स वुड बहुत बीमार थे। डाक्टरों के अनुसार उनके बचने की उम्मीद नहीं थी। वे बिस्तर से उठ भी नहीं पा रहे थे किन्तु सदन के सदस्यों ने उन्हें विधान सभा में उपस्थित देखा । वहाँ चुनाव फोटो लिया गया उसमें भी वे उपस्थित थे। (५) विश्व विख्यात दार्शनिक, चिन्तक और मनोवैज्ञानिक डा० कार्ल जंग ने तो स्वयं एक बार सूक्ष्म शरीर के बाहर आने का अनुभव किया था। (६) अरविंद आश्रम की माँ बचपन से ही अपना शरीर त्याग कर इधर-उधर विचरण किया करती थी। (ब) परकाया प्रवेश जिस प्रकार यह जीवात्मा अपने स्थूल शरीर को त्याग कर स्वतन्त्र रूप से कहीं भी विचरण कर सकता है उसी प्रकार यह किसी जीवित अथवा अन्य मृत शरीर में भी प्रवेश कर सकता है । जिसे “परकाया प्रवेश" कहते हैं। अन्य व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर यह अपना नाम भी बताता है तथा शरीर दूसरे नाम से है । योगियों के लिए यह सामान्य सी बात है। भागवत् में भी दस सिद्धियों का उल्लेख है जिनमें एक परकाया प्रवेश भी है। - पतंजलि ने भी परकाया प्रवेश का वर्णन किया है। हठयोग में भी ऐसी विधियाँ हैं जिससे परकाया प्रवेश हो । सकता है। स्वरोदय विज्ञान के अनुसार मणि-पूरक चक्र में अग्नि तत्व स्थित है। इस चक्र पर सदा ध्यान करने वाला
SR No.032177
Book TitleMrutyu Aur Parlok Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandlal Dashora
PublisherRandhir Book Sales
Publication Year1992
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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