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________________ जीवात्मा का स्वरूप [ ३६ जन्म में उसने 'तिजफरत्र' नामक लड़का होने की बात कही थी। उस लड़की में लड़के की सारी विशेषताएँ विद्यमान थीं। (३) आस्ट्रेलिया की एक खिलाड़ी युवती एरिका का लिंग परिवर्तन ऐसे ही हुआ । सन् १९६६ में अठारह वर्ष की उम्र में वह बर्फ पर फिसलने की प्रतियोगिता में विश्व चेम्पियन बन गई थी। १९६७ में वह पुनः तैयारी कर रही थी किन्तु उसकी शारीरिक जाँच करने पर डाक्टरों ने बताया कि उसके भीतर का पुरुष व्यक्तित्व विकसित हो चुका है। अतः उसे लड़की वाली प्रतियोगिता में भाग लेने के अयोग्य ठहरा दिया गया। लड़की ने अपना आपरेशन करवा लिया। सात माह तक उपचार चलने के बाद वह पूर्ण विकसित लड़का बन गई। उसने 'रीनेट' नामक एक लड़की से १९७५ में विवाह कर लिया। १९७६ में वह एक लड़के का पिता भी बन गया। (४) भारत के सोलन शहर के निवासी जीया लाल सुनार की तीसरी लड़की सुनीता के चार वर्ष की उम्र में आपरेशन के उपरांत लड़का बन जाने की भी घटना ताजी है। सितम्बर १६७८ के आरम्भ में उसका आपरेशन छः डाक्टरों ने उसके मूत्र मार्ग को पुरुषों के मूत्र मार्ग में बदलना आसान समझकर आपरेशन किया व वह लड़का बन गई । . (५) महा भारत में भी शिखण्डी का उदाहरण है कि वह पहले स्त्री थी व बाद में पुरुष बन गया। ___ व्यक्ति में उभय लिंगों के अस्तित्व के कारण ही भारतीय अध्यात्म ने हजारों वर्षों पूर्व अर्द्ध-नारीश्वर की बात कही थी जिसे विज्ञान आज सिद्ध कर रहा है। भारतीय अध्यात्म का आधार पूर्ण वैज्ञानिक है यह कई प्रमाणों से सिद्ध हो चुका है।
SR No.032177
Book TitleMrutyu Aur Parlok Yatra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNandlal Dashora
PublisherRandhir Book Sales
Publication Year1992
Total Pages138
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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