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________________ मिलता है, हमारे राष्ट्रपति की... हमारे राष्ट्रपति की हत्या हो गई है।' ___ वार्ड वैमन ने कहा- सर, ऐसा होगा नहीं, प्रभु ऐसा नहीं करेंगे । पर आश्चर्य तब हुआ, जब कुछ ही दिनों बाद यह स्वप्न अक्षरशः सत्य हो गया। राष्ट्रपति लिंकन की हत्या हो गई, और वार्ड वैमन ने कहा-ठीक वैसा ही दृश्य पूर्वी कक्ष की ओर नजर आ रहा था, जैसा लिंकन ने वर्णन किया था। और यह घटना इतिहास का अमिट लेख वन गई। अभी उस दिन परमहंस स्वामी आत्मानन्द जी मेरी झोंपड़ी में पधारे। स्वामी जी शतायु से अधिक हैं, फिर भी चेहरे पर वही सौम्यता, स्निग्धता, बालसुलभ चंचलता एवं मनोहर मुस्कराहट थी। जीवन के सत्तर वर्षों से भी अधिक काल तक उन्होंने एकान्त तपस्या की है, तपस्वी जीवन व्यतीत किया है। चार-पाँच वर्ष पूर्व जब मैं मन्त्र-साधना हेतु हरिद्वार से बहुत आगे उनकी पर्णकुटी पर अचानक पहुँचा था तो मुझे यह आभास नहीं था कि अचानक ऐसी दिव्य विभूति से साक्षात्कार हो जायेगा। मन्त्र साधना के निष्णात योगी आत्मानन्द जी के यहाँ उस बियाबान सूरम्य जंगल में लगभग पंद्रह दिनों तक रहा था, जहाँ मैंने ज्योतिष-ज्ञान का परिचय दिया था। वहाँ उनसे अद्भुत मन्त्र सीखे थे, दुर्लभ मन्त्र-साधना-ज्ञान मिला था। उन्हीं दिनों मैंने अपने घर आने का निमन्त्रण दिया तो उत्तर में बोले थे-पिछले पचास वर्षों में किसी गृहस्थ के घर न तो गया हूँ और न हाथ ही पसारा है, पर देहावसान से पूर्व तुम्हारे घर आऊँगा ...यह वादा करता हूँ। मेरे लिये उनकी यह असीम कृपा थी।। ____आश्चर्य इस बात का था कि वे सीधे मेरे घर पहुँचे, बोले-- तात ! जब मैं चला, उससे एक रात पूर्व ही मुझे स्वप्न आया, जैसे मैं जोधपुर पहूंच गया हूँ, और तुम्हें आश्चर्य होगा, ठीक यही घर, घर की यही स्थिति, घर तक का यही रास्ता हू-ब-हू इसी रूप में स्वप्न में साकार हुआ था, जबकि जीवन में पहली बार जोधपुर आया हूँ, २५
SR No.032162
Book TitleSwapna Jyotish
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNarayandatt Shrimali
PublisherSubodh Pocket Books
Publication Year1978
Total Pages132
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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