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________________ पहुँचनेका राजमार्ग हैं, परन्तु इस राजमार्ग पर प्रत्येक व्यक्ति सुगमता से नहीं चल सकता। ___मनोविज्ञानके ऊँचे अभ्यासके विना एवं गूढ निरीक्षण शक्तिके विना, हम अपने तथा दूसरों के स्वप्नोंका अर्थ नहीं समझते । स्वप्नोंको समझने के लिए सबसे पहले स्वप्नके समय हमारे मनकी दशा क्या थी इसका विचार करना चाहिए। स्वप्न के समय उदासीनता, आनन्द, उल्लास, क्रोध, भय, घृणा, प्रेम, ग्लानि, व्याकुलता आदि किसी भी मनोदशासे संबंध रखनेवाली ऐसी कौनसी घटना हुई थी, यह स्मरण रखना चाहिए, परन्तु स्वप्न में आये विचारोंको याद करना सरल बात नहीं है। क्योंकि स्वप्नको याद करते समय ही हमें अनुभव होगा कि हमारे मन में कोई ऐसा भी यत्न है जो हमारे स्वप्नों को भुला देता है । रातका स्वप्न प्रातःकाल उठते ही हम भूल जाते हैं। यह भुलावा यन्त्र ज्ञानका प्रावरण स्वप्नकी भाँति हमारे मनका एक भाग है। इसे मनोविज्ञान में नियामक पुलीस की उपमा दी है, क्योंकि यह हमारे चेतन एवं अचेतन विचारोंके बीच में दीवार खड़ी करनेकी कोशिश करता है, तथा हमारे स्मरणमें से उन विचारोंको दूर करने की चेष्टा करता है, जो हमें अप्रिय होते हैं और जिन्हें स्वीकार करनेसे हम इन्कार करते हैं । इस प्रकार यह हमारी स्मृति में से अप्रिय एवं अवांछनीय विचारों को दूर करके हमारे जीवन में हमें पहले की अपेक्षा अधिक मात्म-विश्वासके साथ आगे बढ़ने में मदद करता है । इसके ज्ञानसे हमारा आन्तरिक चित्र एक दम अलग होते हुए भी हम अपने व्यक्तित्वको अधिक सङ्गठित कर सकते हैं। सामान्यतया हम अपने आपको पहचानने से बचना चाहते हैं परन्तु अचेतन मनके विचारोंको जानकर हम अपने अन्तः
SR No.032161
Book TitleSwapna Sara Samucchay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDurgaprasad Jain
PublisherSutragam Prakashak Samiti
Publication Year1959
Total Pages100
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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