SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 858
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दफा ६३६ बन्धुओंमें वरासत मिलनेका क्रम ७७७ ~ ~ मिताक्षराला के अनुसार नक़शा नं. ४ मातृबन्धु अर्थात माताके बन्धु ... माताके नानाका बाप १०४ -पु१०५ -पु१०६-पु१०७-पु११५ १२२पु--ल -ल११८पु-१११पु । । पु११२ 3 पुर१३ - पु१२३ पुर१६ माताका नाना १०० -पु१०२-पु१०३-पु११४ १२०पु--ल पु११० ११६पु-१०८पु पुर०६ पुर१७ माताकी माता-नानी ल पु१२१ माता मृतपुरुष नोट-दफा ६३८ के नम्बर १०० से १२३ तक इस नकशे में देखो 'पु' से पुत्र और 'ल' से लड़की समझना। दफा ६३९(अ) प्रिवी कौन्सिल हालमें द्वारा माने हुए बन्धु ... बन्धुओंमें जायदाद मिलने के सम्बन्धमें मतभेद है हमने दोनों मत बतानेकी पूरी चेष्टाकी है। एक मत इस बारेमें आप दफा ६३३ से दफा ६३६ तकमें देखिये इस जगहपर हम केसलॉ भर्थात् प्रिवी कौन्सिलके विद्वान जजोंने जो माना है वह बताना चाहते हैं--वेदाचेला बनाम सुब्रह्मण्य ( 1921) 48 98
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy