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________________ दफा ६०५] सपिण्डों में वरासत मिलनका क्रम दाद मिलेगी; यानी उस वक्त नानाके खानदानसे निकलकर नेचासाके खानदानमें आ जायेगी। (१२) क्वारी लड़कीका बदचलन होना-जब कोई क्वारी लड़की क्वारेपनमें बदचलन हो जाय और वेश्याकी तरहपर रहने लगे तो वह लड़की न तो क्यारी रहती है और न ब्याही । अगर वह लड़की ऐसी न होगयी हो कि उसका हक्क कानूनन् मारा गया हो तो उसे दूसरी शुद्ध चरित्रा क्वारी लड़कियों, और सब क्याही लड़कियोंके पश्चात् बापकी जायदाद मिलेगी, देखते तारा बनाम कृष्णा (1907) 31 Bom. 495 at P. 510; 9 Bom. L. R: 774. देखो-द्विवेलियन हिन्दॉ पेज ३७२. (१३) तीन किस्मकी लड़कियों में जायदादका मिलना-जब कोई आदमी तीन किस्मकी लड़कियोंको छोड़कर मरजाय तो सरवाइवरशिपके हक के साथ (देखो दफा ५५८ ) क्रमसे बापकी जायदाद लड़कियों को मिलेगी। तीन किस्मकी लड़कियोंसे मतलब यह है, (१) कारी, (२) ब्याही परीक, (३) ब्याही अमीर । बांपकी जायदाद लड़कियोंको सरवाइवरशिपके हकके साथ मिलती है, मगर लड़कियों में सबसे पहिले क्वारी लड़की जायदाद पावेगी, अगर क्वारी लड़कियों में एक मरजाय तो उसका हिस्सा बाकी कारी लड़कियों को मिलेगा और जब आखिरी कारी लड़की मरजायगी तब वह जायदाद ब्याही और गरीब लड़कियोंको मिलेगी, इनमें भी वही मम-रहेगा कि एकके मरनेपर उसका हिस्सा दूसरी गरीब लड़कियों को मिल जायगा और जब अाखिरी ब्याही और गरीब लड़की मरजायगी, तब जायदाद ब्याही और अमीर लड़कियोंको मिलेगी। वह भी इसी तरहसे मालिक होंगी यानी एकके मरनेपर बाकी लड़कियां उसके हिस्सेको लेंगी और जब आखिरी ब्याही अमीर लड़की मर जायगी तो फिर वह जायदाद उसके बापके दूसरे वारिसको मिलेगी। १ . अमर कोई लड़की अपना लड़का छोड़कर या सब किस्मकी लड़कियां लड़के छोड़ कर मरी हों तो जब तक तीनों किस्मकी सब लड़कियां न मर जावेगी तब तक लड़कीके लड़केको या लड़कोंको जायदाद नहीं मिलेगी। उदाहरण-(१) . . विजय ..... वारी... . ल्याही गरीवः . . . . . व्याही-अमीरः .. विद्या प्रभा मनी गङ्गा · कमला प्रफुल्ल विजयके तीन किस्म की दो दो लड़कियां हैं। यानी दो छारी से च्याही-गरीब और दो ब्याही-अमीर । इन छ लड़कियोंको छोड़ कर बिजय मर गया अब सरवाइवरशिपके हलके .साथ. सबसे पहिले कारी लड़कियां
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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