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________________ - उत्तराधिकार nrmmmmmwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwwr [ नवा प्रकरण को होगा। दुश्चरित्रा बिन ब्याही लड़कीका हक़ मारा जायगा और अगर एक ही लड़की है जो दुश्चरित्रा है तो उसे जायदादमें हिस्सा मिलेगा देखोतारा बनाम कृष्णा (1907 ) 31 Bom. 495. यही बात उस समय होगी जब एकही दर्जेकी लड़कियों में सच्चरित्रा और दुश्चरित्रा हों; सच्चरित्रा को जायदाद मिलेगी। यह स्मरण रखनाकि मिताक्षरामें सिर्फ विधवाही एक ऐसी औरत है कि जिसका दुश्चरित्र होनेके सबबसे जायदाद पानेका हक़ मारा जाता है। देखो-वेदामल बनाम वेदानयाग 31 Mad 100. : (८) नाजायज़ लड़की-जो लड़की, सवर्णकी विवाही हुई स्त्रीसे नहीं पैदा हुई, यानी अनौरसा है वह चाहे शूद्रकी भी हो लेकिन अपने बापकी जायदाद पानेका हक़ बिलकुल नहीं रखती; देखो-मिखिया बनाम बाबू (1908) 32 Bom. 562. लेकिन अनौरसा लड़की, अपनी माकी जायदाद पाने का हक रखती है। देखो-अरुणागिरि बनाम रेगनायकी 21 Mad. 40. (६) रवाजसे लड़कीका हक़ चला जाता है-जिस किसी प्रान्तमें अथवा जिस किसी घरानेमें ऐसा खास रवाज हो कि वहां लड़की जायदाद पानेका हक़ नहीं रखती, तो लड़कीको उत्तराधिकारमें जायदाद नहीं मिलती। देखो-बजरंगी बनाम मनोकर्णिका 30 All. 1; 35 I. A. 1, पार्वती बनाम चन्द्रपाल 31 All. 4575 36 I. A. 126. और देखो नीचे पैरा १४. . (१०) लड़की कब जायदाद इन्तकाल कर सकती है?-जब किसी लड़कीको या लड़कियोंको बापसे उत्तराधिकारमें (बम्बई प्रान्तको छोड़कर) उनकी जिन्दगी भरके लिये जायदाद मिली हो तो वह ऊपर बताये हुये कायदोंकी पाबन्दीके साथ कानूनी ज़रूरतोंके लिये जो इस किताबकी दफा ६०२, ७०६ में बताई गयी हैं जायदादका इन्तकाल कर सकती हैं । बम्बई प्रांत में लड़की पूरी मालिक मानी गयी है इसलिये उसे कानूनी ज़रूरतों की ज़रूरत नहीं है। (११) कारी लड़कीका जब विवाह हो जाय-जब किसी क्वारी लड़कीको बापकी जायदाद उत्तराधिकारमें मिली हो और उसके बाद उस लड़कीका विवाह हो जाय तो वह जायदाद लड़कीके साथ ससुरालमें जाती है और उसके मरनेपर सरवाइवरशिपके हक़के अनुसार दूसरी लड़कीको 'मिलेगी (अगर कोई हो) यदि एकही लड़की है तो पीछे उसके बापके दूसरे वारिसको मिलेगी। लड़कीके पति या ससुर आदिको नहीं मिलेगी। लड़की के लड़केका हक़ जायदाद मिलनेके लिये नानासे माना गया है और जब एक 'दफा लड़कीके लड़केको जायदाद मिल जावे तो वह उस जायदादका पूरा 'मालिक हो जाता है इसलिये उस लड़केके मरने पर लड़केके वारिसको जाय
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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