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________________ ६६२ उत्तराधिकार [नयां प्रकरण (१) साधारण नियम दफा ५५८ पारिभाषिक शब्दोंकी सूची (१) सरवाइवरशिप- (Survivorship) यह शब्द 'सरवाइव' से बना है। 'सरवाइव' का अर्थ है पश्चात् जीवन, अति जीवन, और अवशिष्ट । यह शब्द जब वरासतमें शामिल हो जाता है तो उसे 'सरवाइवरशिप' कहते हैं उस वक्त इसका अर्थ होता है 'शेषाधिकार, जीवित रहनेवाले वारिसका हक' इसे यों समझिये कि, जब एकसे ज्यादा आदमी या औरतें किसी जायदादमें 'सरवाइवरशिपके' हनके साथ हिस्सा रखती हों तो उनमें से एकके मरनेपर उसकी जायदादका वह हिस्सा जिसमें सरवाइवरशिपका हक़ शामिल था उसके वारिसको नहीं मिलेगा बक्ति दूसरे जीवित हिस्सेदारोंको बराबर मिलेगा। एवं जब एकके सिवाय सब हिस्सेदार मर जायेंगे तो वह एकही हिस्सेदार सब आयदादका अकेला मालिक होगा। उदाहरण-राम, कृष्ण, और शिव तीनो सगे भाई हैं तथा तीनोकी स्त्रियां हैं। तीनोको एक जायदाद मिली जिसमें सरवाइवरशिपका हक़ शामिल था। राम मर गया तो अब रामकी जायदादमेंका वह हिस्सा जिसमें सरवाइवरशिपका हक़ शामिल था उसकी विधवाको नहीं मिलेगा बक्लि कृष्ण, और शिवको बराबर मिल जायगा। पीछे कृष्ण मरा तो इसी तरह उसकी विधवा को जायदाद नहीं मिली बक्ति उसकी जायदादका मालिक शिव अकेला हुआ। अब शिव अवशिष्ट रहनेकी वजेहसे यानी पश्चात् जीवनके सबबसे कुल जाय. दादका अकेला वारिस होगया। ऐसे हक्रको 'सरवाइवरशिप' कहते हैं । दफा ५६१ भी देखो। (२) रिवर्ज़नर-वारिस-रिवर्ज़नर-वारिस' ( Reversioner ) का अर्थ है 'प्रत्यावृत्याधिकारी, परावर्तनाधिकारी, और पुनरागमनाधिकारी । इस शब्दका उपयोग ऐसी जगहपर किया जाता है जैसे-जब किसी आदमीने अपनी जायदाद, या उसका कोई हिस्सा किसी दूसरे आदमीके नाम निश्चित समय तकके लिये अपने कब्जेसे निकालकर उसके कब्जेमें दे दिया हो, तो उस समयके गुज़र जानेपर वह जायदाद मालिकके पास आती है । इसी तरह पर जब कोई जायदाद विधवाको उसकी जिन्दगी भरके लिये वरासत में मिली हो तो वह जायदाद विधवाके मर जानेपर मालिक असली यानी उसके पति को पहिले पहुंचती है और फिर पतिके वारिसको जाती है। वह वारिस जो पतिके सम्बन्धसे पैदा होता है 'रिवर्ज़नर' वारिस कहलाता है इसी तरहपर दूसरी सब बाते समझिये 'भावी वारिस' 'भविष्यमें होनेवाला वारिस' जो
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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