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________________ बटवारा [आठवां प्रकरण (२)एक साथ रहने सहनेका त्याग-गणेशदत्त ठाकुर बनाम जीवाच ठकुराइन 31 1 A. 10; 31 Cal. 262; 8 C. W. N. 146, 6 Bom. L. R.1; 26 W. R. C. R. 365. (३) जायदादके किसी हिस्सेपर अलग कब्ज़ा कर लेना-मुरारी विठोजी बनाम मुकुन्द शिवजी 15 Bom. 201; 10 Bom. H. C. 444; 23 P W. R. C. R. 395; 18 W. R.C. R. 210. R 210. () जायदादके मुनाफेके किसी हिस्सेका अलग भोगना-5All 532. (५) मोहकमें मालके कागजातमें अलग अलग हिस्सा लिखा होनारामलाल बनाम देवीदत्त 10 All. 490, 30 I.A. 1; 30 Cal. 231;5Bom. L. R. 103; 1 All. 487. शहादत-मालगुज़ारी और गांवके कागज़ोंमें हिस्सोंका पृथक वर्णन किसी मुश्तरका हिन्दू खान्दानकी अलाहिदगीका एक बहुतही सूक्ष्म चिन्ह है और कानूनी कल्पनाके खिलाफ साबित करनेके लिये, अर्थात् उस खान्दानको जिसके सम्बन्धमें वे पृथक दाखिले हैं अलाहिदा साबित करने के लिये, बिलकुल नाकाफ़ी हैं । कलक्टरकी किताब मालगुजारीके लिये रक्खी जाती है अधिकार प्रदर्शनके लिये नहीं । कलक्टरकी किताबमें किसी व्यक्तिका नाम किसी ज़मीनके कब्ज़ेपर लिख जानेसे यह साबित नहीं होता कि उसका अधि. कार स्थापित होगया या किसी दूसरेका अधिकार दूर होगया। वही कानून बन्दोबस्तके खेवटमें नामोंके दर्ज करने में लागू होता है, जो कि मौज़ामें हिस्सेदारके दर्ज करने में-मु० भगवानी कुंवर बनाम मोहनसिंह 23 A.L. J.58); 41 C. L. J. 591; 22 L. W. 2117 (1925) M. W. N. 421; 88 I. O. 385; 29 C. W. N. 1037; A. I. R. 1925 P. C. 192, 49 M. L. J. 55 ( P. C.). बटवारा-मालगुजारीके कागज़ोंमें दाखिलेकी शहादत-जैराम बनाम राजबहादुर कुरमी 83 I. C. 563; A. I. R. 1924 Oudh. 326. बटवारा-शहादत-हैसियतमें अलाहिदगी-वाजिबुल अर्ज़का दाखिला लक्ष्मीनारायन बनाम सालिग्राम 83 I. O. 833; A. I. R.1924Oudh.428. . (६) बिक्रीके रुपयों में अलग हिस्से तकसीम करनेका इकरार करनारामकिशुनसिंह बनाम शिवनन्दनसिंह 23 W. R C. R. 412. (७) मुश्तरका खान्दानके लोगोंसे अलग होकर दूसरोंसे कोई व्यवहार करना या अन्य ऐसे काम जो खान्दानके मुश्तरका रहनेकी हालतके विरुद्ध हों,या किसी समय घटी या मुनाफेका जमाखर्च अलग अलग हो जाना आदि । ऊपरकी यह सब बातें अलहदगीका काफी सुबूत उस वक्त तक नहीं होंगी जब तक कि यह साबित न किया जाय कि अलहदगीका इरादा भी उन
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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