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________________ हालकी नज़ीरें] गार्जियन एण्ड वाइस जिसने अदालतके वलीसे उस जायदादको खरीदा था जायदादपर कब्ज़ा पानेके लिये नीलाममें खरीदने वालेके खिलाफ नालिश किया। . . तय हुआ कि (१) वली का बयनामा, बिना अदालतकी इजाज़तके, किसी आदमीकी तहरीक पर, जिसपर कि उसका असर पड़ता हो नाजायज़ है (२) नाबालिराका अधिकार. उस अनधिकार पूर्ण बयनामेके मंसूख करने की नालिशका किसी डिक्रीके कारण न कुर्क किया जा सकता है और न बेचा जा सकता है (३) अतएव नीलाममें खरीदने वाला, वली द्वारा खरीदने घालेको, इस सूरतमें भी कि बयनामेकी इजाज़त अदालतसे न प्राप्त कीगई श्री बेदखल नहीं कर सकता। नरसिंहाचार्य बनाम तुलसा बाई 27 Bom. L. R. 483; 87 I. C.712, A. I R. 1925 Bom. 320. -गा. दफा ३१-बयनामा-अदालतकी इजाज़त-बयनामेपर जिला जज की स्वीकृति-आया बयनामेके लिये काफी है ?.- नाबालिग्रकी तहरीक पर बयनामेका नाजायज़ होनेके योग्य होना-इन्तकालकी शर्ते, आया नाबा. लिगके मुवाफिक हैं उसके सम्बन्धमें जांच, यदि आवश्यक हो-खरीदारको गुप्त कार्यवाई, उसका परिणाम-कानूनी इजाज़त आया काफ़ी है?-बयनामेंकी इजाजतके सम्बन्धका न्यायाधिकार-बयनामेकी आवश्यकता और लाभके सम्बन्धमें जांच आवश्यक है--डिस्ट्रिक्ट जज,उसका कर्तव्य नाबालिग की जायदाद--सनद प्राप्त वली द्वारा बयनामा, प्राया जायज़ है-अदालतमें छल और धोखेबाजीकी कार्यवाई, उसका परिणाम-मोहनलाल बनाम मोहम्मद आदिल A. I. R. 1926 Oudh 88, . -गा. दफा ३१ (३) (डी)-डिस्ट्रिक्ट जज द्वारा, किसी नाबालिग की शादी के लिये खर्च नियत करने वाला हुक्म, अपीलके योग्य नहीं है और न दफा ४८ के अनुसार उसकी निगरानी ही होसकती है। देखो मु० दुर्गाबाईका मामला-48 A. 300; 92 I. C. 4823 A. I. R. 1926 All. 301. -गा० दफा ३१-नाबालिगकी जायदादका डिस्ट्रिक्ट जजकी इजाज़तसे बेचना-नाबालिगकी तहरीकपर बयनामेका नाजायज़ होना--नाबालिग्रकी जायदादके प्रति डिस्ट्रिक्ट जजकी स्वीकृति। दफा ३१ के अनुसार बयनामेकी पुश्तपर जिला जजकी केवल कानूनी स्वीकृत पर्याप्त नहीं मानी जाती। दफा ३० के अनुसार बिना अदालतकी इजाज़त सनदयाफ्ता वली द्वारा किया हुआ बयनामा नाबालिग़की तहरीक पर बिना इस बातका ज्याल किये हुये ही कि आया बयमामा नाबालिग्रके मुवाफिक था या नहीं नाजायज़ होता है। जब कभी किसी ऐसी बातका पता चलता है जिसके द्वारा खरीदार डिस्ट्रिक्ट जज द्वारा उसपर किये हुये विश्वाससे लाभ उठाया हुआ प्रमाणित होता है उस दशामें नाबालिग़की
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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