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________________ गादफा ३२-३४] गार्जियन एण्ड वाईस लिये यह मान लिया जावेगाकि उसने दरख्वास्तमें दिये हुए कामके लिये अपनी ज़िम्मेदारी अदा करदी है। -दफा ३४ अदालत द्वारा नियुक्ति या घोषित किये हुए जायदादके वलीकी पाबन्दियां कलक्टरको छोड़कर उन वलियोंको जो अदालत द्वारा नियुक्ति यो घोषित किये गये हैं नीचे लिखे अनुसार करना होगाः(ए) यदि जज चाहे तो वलीको नियत रूपमें व जहांतक होसके नियत ढंगपर जजके हकमें एक दस्तावेज़ ज़मानती या बिला ज़मानती इस बातके लिये लिखना पड़ेगीकि वह नाबालिरा की जायदादका ठीक हिसाब देता रहेगा; (बी) अगर अदालत चाहे तो वली नियुक्ति या घोषित किये जाने के छः माहके अन्दर या उस समयके अन्दर जो अदालत नियत करे नाबालिगकी जायदाद और मनकूलाका हाल तथा उस समय तकके उन कुल रूपयों व मनकूला जायदादको हाल जो उसने नाबालिग्रके नामसे पाई हो तथा उन सब कोंका हाल जो नाबालिगको लेना या देना हो अदालतमें दाखिल करना पड़ेगा; (सी) अगर अदालत चाहे तो वली समय समयपर, अदालतसे नियत किये हुए समयमें व उसके निर्धारित किये हुए ढंगपर हिसाब अदालतमें पेश करता रहे; (डी) अगर अदालत चाहे तो वली अदालत द्वारा नियत किये हुए समयपर नाबालिगका वह रुपया जो उसके पास हिसाबके अनुसार बचाहो संब या उसका कोई नियतं हिस्सा अदालत में दाखिल करता रहे। नाबालिग़की जायदादकी आमदनीका वह हिस्साजो अदालत समय समय पर नियतकरे या अगर अदालत चाहे तो नाबालिगकी कुल जायदाद या उसका कुछ हिस्सा वली, नाबालिग या उसके आश्रित लोगोंके गुज़ारे तालीम या तरक्कीमें लगा सकता है। 51
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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