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________________ २६६ दत्तक या गोंद [चौथा प्रकरण .www संकता। (२) कुदरती पिता ही नाबालिग का उसके अधिकारों को उसके विरोधियों पर स्थापित करने के लिये सब से अच्छा वली हो सकता है। (Spencer & Odgers J J. ) गारीमेल्ला अन्नापुरनय्या बनाम वेंकटसुन ह्मण्यम् 22 L. W. 560; A. I. R. 1925 Mad. 1285; 49 M. L.J. 589. दफा २७८ जब ब्याहा या संतानवाला लड़का गोद लिया गयाहो, तो उसके लड़केका हक़ जहांपर ब्याहा और सन्तानवाला लड़का गोद लेना जायज़ है अगर ऐसा लड़का गोद लिया गया हो, जिसके लड़का और स्त्री मौजूद हो । तो दत्तक पुत्र का लड़का अपने असली दादा के कुटुम्बमें रहेगा और अपने सगे दादाकी जायदाद पावेगा उसे नये कुटुम्बसे कुछ सम्बन्ध नहीं होगा । दत्तक पुत्र की स्त्री साथ जायेगी। अगर कोई ऐसा लड़का हो जो मातासे जुदा नहीं हो सकता हो तो उसकी दूसरी सूरत होगी, जैसा उस वक्त सहूलियत हो 33 Bom. 669. दफा २७९ इक़रारका असर जब बालिग पुत्रने गोद जानेसे पहिले किया हो जब किसी विधवाने बालिग़ दत्तकपुत्र लिया हो और दत्तकके पेश्तर उससे यह इक़रार साफ और योग्य रीतिसे करलिया हो कि, उसे इतने हक से अधिक जायदादमें हक़ नहीं दिया जायगा जो विधवाके पास है, तो दत्तक पुत्र उसका पाबन्द रहेगा और इक़रारके अनुसार जायदाद पावेगा। यह कायदा वहांपर लागू होगा जहांपर बालिग पुत्र, दत्तक लेना जायज़ माना गया है । दफा २८० गोदलेनेसे पहिले इकरारका असर ___ यदि कोई विधवा, नाबालिग और योग्य दत्तकपुत्र लेवे और उस दत्तक पुत्रके असली बापके साथ इस क्रिस्मका कोई इक़रार करे कि, वह दत्तक पुत्र -इतनी जायदादसे अधिक पानेका अधिकारी नहीं होगा अथवा दूसरी कोई शर्त करे पीछे गोद लेवे, तो दत्तकपुत्र उस इकरारका सिर्फ उसी क़दर पाबन्द होगा जहांतक कि, यह साबित हो कि, वह अज्ञानके लाभके लिये लिखा गया था और किसी बदनीयती या चालाकी या और किसी खराब इरादे से नहीं लिखा गया था । देखो 19 Bom. 36, 41; 27 Mad. 577; 11 Bom. H. C. 199; 6 I. A. 1963 2 Mad. 91. अगर कोई ऐसा इक़रारनामा लिखा गया हो जैसा कि ऊपर बयान किया गया है तो दत्तकपुत्र बालिरा होनेपर उसे मन्सून करासकता है और अगर वह मन्सूखी का दावा न करे तो समझा जायगा कि, उसे भी मजूर है और फिर उसकी पावन्दी उसपर लाज़िम
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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