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________________ १६ दत्तक या गोद [चौथा प्रकरण wwwvw (१) विधवा माताका गोद लेना--बम्बई हाईकोर्ट में यह माना गया है कि माता विधवा जो अपने ऐसे पुत्रकी वारिस हो जो पुत्र विधवा या सन्तान न छोड़ गया हो, दत्तक लेसकती है, चाहे उसका पुत्र मरनेसे पहिले विवाह होने या दूसरी तरहकी किसी रसमसे बालिरा समझे जानेकी योग्यता माप्तकर चुका हो-विधवा माताके अधिकारमें वाधा न पड़ेगी, देखो-19Bom. ३31; 25 Bom. 30; 2 Bom. I. R. 1101. ..मगर यह भी मालूम होता है कि यदि पुत्रने अपने मरनेसे पहिले रसमके कारण वालिरा होने की हैसियत प्राप्त कर ली हो, तो माताका अधिकार गोद लेनेका चलाजाता है-बीराबाई बनाम बाई हीराबा 30 I. A. 234; 27 Bom. 492, 33 Cal. 1305; और देखो 17 Cal. 578; मानिक बनाम जगत सेठानीवाले मुक़द्दमे में दोनो पक्ष जैन धर्मके थे । इसमें यह माना गया कि दादी जो अपने पोतेकी वारिस हो वह अपने पतिके लिये गोद लेसकतीहै (२) नज़दीकी वारिससे इजाज़त लेना-बम्बई हाईकोर्टने यह माना है कि जहां पर विधवाके दत्तक लेनेसे किसी आदमीका हक़ जो विधवाके मरनेके बाद पैदा होगा चला जाता है तो विधवा बिला रज़ामन्दी उस आदमीके दत्तक नहीं लेसकती; देखो-रूपचन्द्र बनाम रुकमाबाई 8 Bom. H. C. 114; गोपाल बालकृष्ण बनाम विष्णु 23 Bom. 250; मुश्तरकामें यही माना जायगा। दत्तक विधवा द्वारा-विधवा द्वारा गोद लेने में भावी वारिस का परामर्श-ए० ब्रह्मप्पा बनाम सी० रत्तप्पा 83 I.C. 59; A. I. R. 1925 Mad. 69 सपिण्डकी स्वीकृतिके सम्बन्धमें अदालतका कर्तव्य है कि स्वीकृति देने के अाधार की जांच करे । यदि स्वीकृति का अभिप्राय यह है कि विधवा द्वारा किए हुए किसी इन्तकाल की भावी वारिस के किसी आक्रमण से रक्षा की जाय, तो इस प्रकार की स्वीकृति नाजायज़ होगी । यदि स्वीकृति कुछ रुपया देकर प्राप्त की गई है तो वह अमान्य है। ए. ब्रह्मप्पा बनाम सी० रत्तप्पा 83 I C.593 A. I. R. 1925 Mad. 69. .. विधवाका गोद लेनेका अधिकार बम्बई प्रणाली-बम्बई प्रणालीके अनुसार ऐसी विधवा को, जिसे अपने पति से गोद लेनेका अधिकार नहीं प्राप्त इश्रा, गोद लेने के लिये पति के सम्बन्धियोंकी स्वीकृति लेनेकी आवश्यकता नहीं है। हरिगिरि किशन गिरि गोस्वामी बनाम आनन्द भारती। ( 1925) M. W. N. 414, 21 N. L. R. 127; 22 L. W. 355; 83 I. C. 343; A. I. R 1925 P. C. 127. ( P. C.) __ सपिण्ड की स्वीकृति-जब किसी हिन्दू विधवा को अपने पति से गोद लेने का अधिकार न प्राप्त. हुश्रा हो, और वह सबसे नज़दीकी पांच सपिण्डों में से तीन की अनुमति ले कर गोद ले..ले.और दो से गोद लेने के
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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