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________________ दफा १३०-१३२] गोदका अधिकार देनेकी रीति और असर १७७. उस समय भी ऐसा अधिकार जायज़ होगा जब एकके पश्चात् दूसरा लड़का गोद लेने का अधिकार दियागया हो, यानी पहिला लड़का मर जाय तब दूसरा गोद लियाजाय । लड़केकी मौजूदगीमें बापको स्वयं गोद लेनेका अधिकार नहीं है--सलूकना बनाम रामदुलार 1. S. D. 324; गापीलाल बनाम मु० चन्द्रावली 19 Suth. 12 ( P.C.) 1. पहले लड़केके जीतेजी दूसरा गोद नहीं लिया जासकता-श्यामचन्द्र बनाम नारायणी 2 S. D. 209 (279); भुवनमयी बनाम रामकिशोर 10 M. I. A. 279, S. C. 8 Suth. ( P. C. ) 15; जमुना बनाम बामासुन्दरी 3 I. A. 725 SC. 1 Cal. 26. Suth. 21; 15 Bom. 565 में मानागया है. कि पति अज्ञान होनेपर भी गोद लेनेका अधिकार दे सकता है चाहे उस समय स्त्री भी नाबालिग हो। किसीकी सलाहसे दत्तक लेनेका परिणाम-एक नवयुक हैज़ेक आक्रम से अचानक मर गया। वह एक अनुमति पत्र लिख गया जिस में, उसकी स्त्री को उसके पिताकी सलाहसे दत्तक पुत्र लेनेकी स्वीकृति थी। विधवा जायदाद सम्बन्धी कुछ अदालती झगड़ोंके कारण शीघ्र गोद न ले सकी, और इसी बीच में उसका स्वसुर, जिसकी स्वीकृति अनुमति पत्रके अनुसार आवश्यक थी मर गया । गोद बिना स्वीकृतिके ही लिया गया तय हुआ कि पति ने स्त्री को गोद लेने की स्वीकृति दे दी थी, यदि परिस्थिति के कारण उसके पिता की स्वीकृति असम्भव हो गई, तो दत्तक नाजायज़ नहीं हो सकता। राजेन्द्रप्रसाद बोस बनाम गोपालप्रसाद बोस 4 Pat. 67; A. I. R. 1925 Patna. 442. दफा १३२ गोद लेनेका अधिकार किसे दिया जासकता है ? लड़का गोद लेने का अधिकार पुरुष सिर्फ अपनी स्त्री को ही दे सकता है दूसरे किली पुरुष या स्त्री को नहीं दे सकता । कारण यह है कि पुरुषका आधा शरीर स्त्री मानी गई है, 'पुत्रत्व' दोनो हीसे पैदा होता है । इससे गोद या तो पति ले सकता है या उसकी आज्ञासे और उसके मरने के पश्चात् उस की विधवा । दूसरे किसी भी रिश्तेदार को ऐसा अधिकार नहीं दिया जा सकता और पति इस अधिकार देने में दूसरे किसी को शरीक भी नहीं कर सकता--अमृतलाल बनाम सरनमयी 27 Cal. 996, 27 I. A. 128. ___यद्यपि पति अपनी स्त्रीको गोद लेनेका अधिकार देते हुए किसी दूसरे को शामिल नहीं कर सकता, मगर पति ऐसी आशा दे सकता है कि अमक पुरुषसे सलाह लेकर वह गोद ले, या अमुक पुरुषसे बिना सलाह लिये हुए स्त्रीको गोद लेने का अधिकार नहीं होगा। परन्तु यदि किसी विधवाको इस तरह की आज्ञा मिली हो तो विधवा अगर चाहे तो सलाह लेवे और न चाहे 23
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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