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________________ विधवाका गोद लेना सम्मति रत्रार्थे श्रीप्रियनाथ भट्टाचार्य्य शर्मणः सम्मति रत्रार्थे सारस्वतानन्तराम शर्मणो रणवीर संस्कृत पाठ शालीयस्य सम्मति रत्रोज्झोप नामक श्रीरामयन शर्म्मणो रणवीर पाठ शालाध्यापकस्य सम्मति रत्रार्थे महाराइया बड़हराधीश्वर्य्या आश्रितस्य ज्यो० पं० रामफल शर्मणः दफा ११८ ] स्वीकरोत्यमुमर्थमयोध्यानाथशम्र्मापि चन्द्रभूषण चतुर्वेदस्यापि र० पा० प्रिंसपलोपधानस्य १६७ इस व्यवस्थाका सारांश यह है कि नज़दीकी सपिण्डके होते दूरका लड़का गोद लेनेका निषेध है । भाईके लड़केके होते दूसरा लड़का गोद लेना उचित नहीं । मारवाड़ देशमें मिताक्षरा बनारसका माना जाता है । इसी विषय के प्रमाणों द्वारा यह बात सिद्ध की गयी है । समग्र व्यवस्था का हिन्दी अनुवाद अनावश्यक समझकर छोड़ दिया है । ( २ ) व्यवस्था मौजमन्दिर जैपुर ( संमतमिदं मौजमन्दिरस्थविदुषाम् ) प्रश्नकर्ता पं० चन्द्रशेखर शुक्ल - प्रश्न १ - राजपूताने में किस धर्मशास्त्र के अनुसार हिन्दूधर्म की आम रिवाज जारी है ? उत्तर १ - मनुस्मृति, याज्ञवल्क्य स्मृति, मिताक्षरा प्रभृति धर्म शास्त्र के अनुसार यहां पर धर्मव्यवस्था दी जाती है । उसी के अनुलार यहां पर रिवाज भी जारी है । व्यवहारधर्म में यहां पर मिताक्षस का विशेष अनुरोध रक्खा जाता है। यानी उसके विरुद्ध कोई भी धर्मव्यवस्था यहां पर नहीं मानी जाती । प्रश्न २ - इस धर्मशास्त्र के अनुसार विधवा स्त्री बिना आशा पति के गोद ले सकती है या नहीं ? उत्तर २--याज्ञवल्क्य, मिताक्षराके अनुसार पतिकी आज्ञा बिना विधवा स्त्रीको गोद लेनेका अधिकार नहीं पाया जाता । मिताक्षराके अतिरिक्त भी प्रायः सभी प्रचलित धर्मशास्त्र ग्रन्थोंके अनुसार पति ज्येष्ठ
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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