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________________ एक्ट सन १६२८ ई० ] बालविवाह निषेधक बिल सेलेक्ट कमेटीका पास किया हुआ बिल बिल नं० २१ सन १९२७ ई० बाल विवाह निषेधक बिल चूंकि बालविवाह को रोकने की परमावश्यकता है अतः निम्नलिखित "कानून बनाया जाता है: १२१ - दफा १ नाम, विस्तार और आरम्भ ( १ ) यह एक्ट सन १६२८ ई० का बालविवाह निषेधक एक्ट · ( The Child marriage restraint Act of 1928 ) कहलायेगा । ( २ ) इसका प्रयोग सारे ब्रिटिश भारत में होगा जिसमें ब्रिटिश बिलोचिस्तान व सन्थाल परगने भी सम्मिलित हैं । ( ३ ) यह एक्ट १ अप्रैल सन १६३० ई० से लागू होगा । दफा २ परिभाषाएं यदि कोई बात विषय या प्रसंग के विपरीत न पड़े तो इस एक्ट में प्रयोग किये हुए निम्निलिखित शब्दों का अर्थ इस प्रकार होगा ( ए ) 'बच्चा' ( Child ) का अर्थ उस बालक से है जो १८ वर्ष की आयु से न्यून हो तथा उस कन्या से है जो १४ वर्ष की आयु हो । (बी) 'बालविवाह' (Child Marriage) से उस विवाहका अभिप्राय है जिसमें वर या कन्या में से कोई भी बच्चा हो । सी) 'विवाहमें सम्बन्ध करनेवाला पक्ष' ( Cantracting Party ) से अभिप्राय उन दोनों व्यक्तियों से है जिनका विवाह सम्बन्ध हुआ हो । 16 'डी) 'नाबालिग' (Minor) से अभिप्राय उस व्यक्ति का है जिसकी आयु १८ वर्ष से न्यून हो चाहे वह पुरुष हो या स्त्री ।
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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