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________________ विवाह [दूसरा प्रकरण पि७ पि १२ पि६ पि ११ पि ५ पि१० पि पि४ पि पि १५ पि १४ पि १६. । पि १८ पि३ पिच पि२ मा२ बर ल१ ब३ पि१३ मा३ ब४ लर लं? पि? ल२ ल३ ल मा१ ल५ ल६ ऊपरके नक़शेमें 'वर' पुरुष है जिसका विवाह होना है। पि १ वरका पिता है मा १ वरकी माता है, मा २ बापकी माता, और मा ३ वरकी माताकी माता (नानी) है। ब १ बापके बापकी बहन है, ब २ बापकी माकी बहन,ब ३ माताके बाप (नाना)की बहन, ब ४माताकी मांकी बहन है । ल, से मतलव लड़का है। ल १ पिताके पिताकी बहनका पुत्र, ल २ बापकी मांकी बहनका पुत्र है। पि १ से लेकर पि ७ तक वरके पितृपक्षके सात पूर्वज हैं। पिट से लेकर पि१२ तक वरके बापके मातृपक्ष ( वापका नाना) की सीधी शाखाके पांच पूर्वज हैं। पि १३ से लेकर पि १७ तक वरके मातृपक्षके पांच पूर्वज सीधी शाखामें हैं । पि १८ से लेकर पि २० तक वरकी माताके मातृपक्षके सीधी शाखा वाले तीन पूर्वज हैं । ल १, ल २, ल ३, तक वरके पितृबन्धु हैं (ल १, पिताके पिताकी बहनका लड़का, ल २, पिताकी माताकी बहनका लड़का, ल ३, पिताकी मांके भाईका लड़का है) तथा ल ४, ल ५, ल ६, यह वरके मातृबन्धु हैं (ल ४--माके बापकी बहनका लड़का, ल ५--माताकी माकी बहनका लड़का, ल ६ माताकी माके भाईका लड़का है ) ऊपर कहे हुए चारों सिद्धान्तोंके अलग अलग उदाहरण देखो-- (१) जैसा कि ऊपर बताया गया है कि अगर लड़की अपने बापके पूर्वजोंकी सात पीढ़ीके अन्दर हो तो विवाह नहीं हो सकता। ऊपरके नक़शेमें देखो पि १ से लेकर पि ७ तक वरके पितृपूर्वज हैं। इनमेंसे किसी एकके अगर सात पीढ़ीके अंदर लड़की होगी तो विवाह नहीं हो सकता।
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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