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________________ दफा १०४] वसीयत के नियम की दफा १५४ से हो चुका है लागू न हो उसमें इस बातका कुछ खयाल में किया जायगा कि वसीयतनामा ठीक दंगसे लिखा गया है या नहीं मगर शर्त यह है कि उस लिखतमें वसीयतकी गयी हो, उसमें किसी प्रकारकी कानूनी बंदिशों की ज़रूरत नहीं है। देखो-20 Bom. 674, 6 Bom. H. C. A. C. 224. (नीचे लिखी हुयी लिखतें वसीयतनामेके तौरपर मानी गई है) (१) जो वसीयत दो या ज्यादा गवाहोंके सामने ज़बानीकी जाय, और वह पीछे लिखी जाय, जायज़ मानी गई है। देखो-25 All 313; 11 Bom. 89, 1 Bom. 64132 Mad. H. C. 37. इस के साथ देखो पेज १७३ (जवानी वसीयत अब जायज़ न मानी जायगी)? ) वह बयान जो मोहकमे मालके किसी कर्मचारीके सामने किया गया हो और वह बयान उसने लिख लिया हो कल्याणसिंह बनाम सामौलसिंह 7 All. 163. (३) ऐसा घसीयतनामा जिसपर वसीयत करने वालेके हस्ताक्षर म हुए हों देखो-ताराचन्द बोस बनाम नवीन चन्द्रमित्र 3 W. R. C.B. 138. (४) वसीयत मामेका मसविदा-जानकी बनाम कल्लूमल31All.236. (५) मोहकमे मालके अधिकारियोंकी दी हुई दरख्वाते: देखो-21.A. 7314 B. L. R. 226, 22 W. B. C. R. 409, 24 W. R. C. R. 395,31. A. 259,26 W. R.C. R. 55. (६) वाजिबुलार्जमें किया हुआ इन्दराज 19 All. 163 23 1. A. 97:28 All. 488, 10C. W. N. 7303 10 C. W. N. 249. (७) वैवाहिक दस्तावेज़-36 Cal. 1499 130. W.N. 991. (८) मुखतार नामा-24 W. R.C. R. 395; 2 Hay; 370 (8) दत्तक विधानके समयका दस्तावेज़ -देखो-12 Mad. 490 (१०) कोई जायदाद किसीको देनेका दस्तावेज़-11 I.A. 1353 10 Cal 7923 37 I. A. 46; 32 All 227; 14 C. W N. 641; 12 Bom. L. R. 409. ऊपर लिखे दस्तावेज़ वसीयतके तौरपर हैं या नहीं इसकी पहचानके लिये यह देखना चाहिये कि लिखने वालेके मरनेके बाद उसमें से कोई लिखत मंसूखकी जासकती है या नहीं अगर नहींकी जासकती तो वह वसीयतनामा है और वसीयत मानी जायगी। 123
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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