SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1043
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १६२ दान और मृत्युपत्र [सोलहवां प्रकरण गयी हो। दामपत्र दान लेने वालेको दे दिया जाय तो इस यातसे भी कब्ज़ा समझा मायगा-बालमुकुन्द बनाम भगवानदास 16 All. 185. (५) दानको पूरा करनेके लिये दान देने वालेने अगर अपने करने योग्य जो काम हैं वे सब कर दिये हों तो वह दान महज़ इस युनियादपर रह नहीं हो सकता कि दान की हुई जायदाद दान देनेके समय दान देनेवाले के कब्ज़में नहीं थी देखो-कालीदास मल्लिक बनाम कन्हैयालाल पण्डित 11 I. A. 2181 Cal. 121; 16 All. 185. (६) स्वाभाविक प्रेमके कारण अगर कोई चीज़ किसीको देनेका कंदाक्ट किया गया हो अर्थात् बचन दिया गया हो और उस कन्ट्राक्टकी रजिस्ट्री भी कराली गयी हो तो बचन देने वाला उस कन्ट्राक्टका पाबन्द होगा, देखोइन्डियन कन्ट्राक्ट ऐक्ट 9 of 1872. इस कानूनके अनुसार वास्तविक नियम यह है कि किसी चीज़ या मूल्यके बदले में जो चीज़ देनेका कन्ट्राक्ट किया जाय वह कन्ट्रक्ट अवश्य पूरा करना होगा परन्तु यहांपर उससे भिन्न केवल यह बात दिखायी गयी है कि केवल मूल्य के बदलेमें ही महीं, बल्कि आपसके प्रेमके कारण भी यदि किसीको कोई चीज़ देनेका बचन दिया जाय यानी कन्ट्राक्ट किया जाय तो वह अवश्य पूरा करना होगा मगर शर्त यह है कि उस कन्ट्राक्ट पत्रकी रजिस्ट्री ज़रूर होगयी हो। (७) नाबालिगकी तरफसे उसका वली उसके लिये दान की हुई वस्तु पर कब्ज़ा कर सकता है, देखो-जैतराम बनाम रामकृष्ण 27 Bom. 31. (८) अगर दान देने वालाही नाबालिग्रका वली हो और देनेके बाद भी जायदाद उसीके कब्जेमें रहे तो अदालत यह समझेगी कि उसका वह कब्ज़ा नाबालिगकी तरफ़से वलीकी हैसियतसे था-3 C. L. R. 247; और 4 Mad. H. C. 406. (९) जबकि जायदाद पहिलेही से सन लेने बालेके कब्जे में हो तो दान देने वालेका सिर्फ इतनाही कह देना काफ़ी है कि वह जायदाद दान की गयी और दान लेने वाला उस दानको स्वीकार करले ऐसा दान जायज़ है7 Bom. 452. (१०) इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि दानपत्रकी रजिस्ट्री कराके, दान लेने वालेको दे देनेसे दानका पूरा होना समझा जायगा परन्तु यह राय उस सूरतमें ठीक नहीं है जबकि दान दी हुई चीज़ दान देने वालेके ही कब्जे में हो ऐसी सूरतमें दान पत्रके साथ साथ वह चीज़ भी दान लेने वालेके हवाले करना होगी, तभी दान पूरा होना समझा जायगा -7 Bom. 31. (११) जिस तरह क़र्जेकी नालिश करनेके अधिकारका इन्तकाल हो सकता है उसी तरह अपने नाम या कामके हकका भी इन्तकाल दानके द्वारा हो सकता है, देखो-7Mad. 237 12 Bom.. 573.
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy