SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 1034
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ दफा ७८७-७८८ ] दाम दुपट क्या है गणेश एक हिन्दू है उसने ३००) रु० दो रुपये सैकड़े माहवारीके सूद पर नूरखां मुसलमान से क़र्जा लिया और अपनी जायदाद उसमें रेहन करदी पीछे गणेश अपना इनफिक़ाक्नका हक़ अल्लाहबख़्शके हाथ बेच दिया । नूरखांने अल्लाहबख़्श पर १५०० ) रु० की नालिश इस बयानके साथ दायरकी कि ३००) रु० मूलधन और १२००) रु० ब्याज जो रेहन करने की तारीखसे, दावा करने की तारीख तक होता है दिलाया जाय । ऐसी सूरतमें नूरखां सिर्फ ३००) रु० मूलधन और ३००) रु० व्याजके पानेका हक़दार है ज्यादा नहीं क्योंकि प्रथमका क़र्जदार हिन्दू था यह माना गया है कि अगर नूरखां मणेश पर नालिश करता तो उसे जितना हक़ दाम दुपटके क़ायदेके अनुसार उस समय होता उसी क़दर वह डिकरी पानेका उस वक्त भी हक़ रखता है जबकि उसने अपना हक़ अल्लाह बख्श के हाथ बेच दिया - 21 Bom. 85. ६५३ दफा ७८८ कैसे क़जैंमें दाम दुपट लागू पड़ेगा दाम दुपटका क़ायदा सिर्फ सादे क़र्जेमें ही लागू नहीं होगा बलि उस कर्जे में भी लागू होगा जिसमें कोई जायदाद मनकूला या गैरमनकूला (स्थावर, जंगम ) रेहन की गयी हो, देखो - नाथूभाई बनाम मूलचन्द 5 Bom. H. C. A. C. 196. नरायण बनाम सत्यवाजी 9 Bom H. C. 83; 24 Bom.114; 6 Bom. H. C. A. C. 90; 21 Bom. 85; 8 Bom. 312. मगर जब कोई जायदाद क़र्जाके सूदके बदले में लेनदारके क़ब्जे व दखल में देदी गयी हो तो उसकी सूरत कुछ निराली है देखो ( १ ) जिस जायदाद का किराया या मुनाफा निश्चित है और दोनोंने यह मंजूर कर लिया हो कि लेनदारके व्याजकी ठीक रक़मके बदले या उसकी ब्याज़के किसी अंशके बदले जायदाद रेहन करने वाला ( धनी ) रेहनकी हुई जायदादसे वह किराया या मुनाफ़ा वसूल कर लिया करे तो ऐसी सूरत में दाम दुपट लागू होगा, देखो - 20 Bom. 721; 22 Bom. 86. (२) जिस जायदादकी आमदनी अनिश्चित है और दोनोंके बीचमें कोई इक़रार नहीं हुआ, ऐसी सूरतमें जिसके पास वह जायदाद रेहन है, उस जायदाद की आमदनी का हिसाब राहिन को देनेके लिये वह पाबन्द है । नतीजा यह हुआ कि अगर जायदादकी आमदनी लेनेपर व्याज मूलधनसे अधिक होगया हो तो दाम दुपट लागू नहीं होगा, देखो - 5 Bom. H. C. A. C. 196-199. उदाहरण - ( १ ) महेशने गणेशसे १०००) रु० बीस रुपये सैकड़ा सालाना सूदके हिसाब से क़र्ज लिया और इस क़र्जमें एक मकान अपना रेहन करकै क़ब्ज़ा व दखल गणेशको दे दिया। रेहनकी तारीखसे किरायेदार सब गणेश होगये दोनों में यह शर्त थी कि गणेश किरायेदारोंसे भाड़ा वसूल कर 120
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy