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________________ बेनामीका मामला [चौदहवां प्रकरण दफाके मतलबके लिये, नालिश दायर करने वालों के ज़रिये से, दावीदार समझे जायँगे। दफा ७७९ बेनामीदारके दावा करनेका हल बेनामीदरको अपने नामसे दावा करनेका हक़ दो तरहका होता है, एक तो वह दावा जो किसी कंट्राक्ट की बुनियाद पर हो और दूसरा वह दावा जो हक़के अनुसार ज़मीनके दिलापानेका हो (१) कंट्राक्टके दावेके बिषयमें यह माना गया है कि बेनामीदारने जो कन्ट्राक्ट अपने ज़ाहिरा हक़की वजहसे किया हो उसके सम्बन्धमें वह अपने ही नामसे दावा दायर कर सकता है। कारण यह है कि कन्ट्राक्ट जिन लोगों के बीच में हुआ हो वे ही उस कन्ट्राक्टके पूरा करानेका दावा कर सकते हैं इसी सिद्धान्तके अनुसार उक्त बेनामीदारकोही दावा करनेका हक प्राप्त है उदाहरण--'क' ने 'ख' की जायदाद रेहन करके उसको कर्जा दिया मगर रेहन कराया 'ग' के नामसे । 'ग' अपने ही नामसे 'ख' पर रेहन के सम्बन्धमें दावा कर सकता है। देखो 24 Cal. 34; सच्चिदानन्द बनाम बालराम 24 Cal. 644; 21 All. 380. निगोशिएबल इन्स्टूमेन्टस् एक्ट नं० २६ सन् १८८१ ई० के अनुसार यह माना गया है कि अगर 'क' प्रामिसरी नोट लिखवाकर 'ख' को क़र्ज़ दे और वह प्रामिसरी नोट 'ग' के नामसे लिखवाया गया हो तो उस नोट के सम्बन्धमें दावा करनेका अधिकार 'ग' को होगा देखो रामानुज बनाम सदागोपा 38 Mad. 2057 28 Mad. 244, 253. (२) हनके अनुसार ज़मीन दिलापानेके दावाके सम्बन्धमें बहुत मतमेद है। कलकत्ता और मदरास हाईकोर्टीकी तो यह राय है कि जो आदमी जिस जमीनका महज़ बेनामी दार है वह उसका कब्ज़ा दिलापानेका दावा नहीं कर सकता, देखो--हरीगोबिन्द बनाम अक्षयकुमार 16 Cal. 364 ईश्वरचन्द्र बनाम गोपालचन्द्र 25 Cal 98; वरोदासुन्दरी बनाम दीनबन्धू 25 Cal. 874; 30 Cal. 265; मदरासका केस देखो--30 Mad. 245; । लेकिन इलाहाबाद और बम्बई हाईकोटौंकी राय है कि वह ऐसा दावा कर सकता है देखो-इलाहाबादके फैसले-नन्दकिशोर बनाम अहमदअता 18 All 69, 21 All. 3803; 28 All. 44; बम्बईके फैसले-रावजी बनाम महादेव 22 Bom. 672; 22 Bom. 820. उदाहरण-'क' ने एक मकान खरीदा 'ख' के नामसे, खरीदकी तारीख पर 'ग' उस मकान पर काबिज़ है, 'ख' ने उस मकानका क़ब्ज़ा पानेके लिये 'ग' पर दावा किया, अपने जवाबमें 'ग' ने कहा कि 'ख' उस मकानका असली मालिक नहीं है, सिर्फ बेनामीदार है, अब देखो इलाहा.
SR No.032127
Book TitleHindu Law
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrashekhar Shukla
PublisherChandrashekhar Shukla
Publication Year
Total Pages1182
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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