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________________ भविसयत्तकहाए अहरई अलयराउ संचारिउ कजलु छुडु तिलउ वडारिउ । सिहि पञ्चक्खु पुरउ पजालिउ लग्गुजोग्गु सुमुहुत्तु निहालिउ। . ता सुहपियदंसणि अणुराइय भविसयत्तकरपल्लवि लाइय । घत्ता । एक्कासणि ताए बइसारिप्पिणु किउ विणउ। पियवयणु चवेवि असणिवेउ उप्पमिवि गउ ॥ २१ ॥ सोहहिं ताई तेत्थु वरइत्तई सरलसहावई सुंदरचित्तई। निहुअनेहनिन्भरमणमिसलई मुहमारुयपरिओसियभसलई । नवसयवत्तसमुज्जलवत्तई चंदप्पहजिणहरि संपत्तई। भामरि देविवि हूइ सणाहहो दरिसिवि पुजमहिम जिणनाहहो। चंदप्पहजिणभवणहो तिन्नई लीलई नियमंदिरि अवइन्नई। तहिंमि संति संतिहरि करेप्पिणु विणएं कुलदेवय सुमरेप्पिणु । घत्ता । एत्तियई करेवि नियकुलमग्गअहिटियइं। सुहपिम्मरयाई रइवावारि परिट्टियइं ॥ २२ ॥ निज्झुणि वियणि गेहि निवसंतहं कामकामु आहारु असंतहं । मयणवियारु ताम उप्पजइ अच्चुन्भडविलासरइ छज्जइ। रमहिं भोय परिवड्डियमयणई निन्भरदरमउलावियनयणई । दियहि दियहि अन्नन्नई कीलइ सुरवरवरविजाहरलीलइ। सरहसगाढालिंगणपीलई निहुअसरसपरिउवणसीलई। वरपल्लंकतूलिसुहसयणइं अवगणियसुवन्नमणिरयणइं । सरसरूवजोव्वणमयमत्तई कयनहनियरकलंकियगत्तई। उन्भडसुरयमल्लपडिमल्लई फुडियाहरई सिढिलधम्मिल्लई । थियई एम परिवासियगत्तई अमियरसोव्वमभोगासत्तई । ताम जाम नवनेहनिरंतर कालहो गय बारह संवच्छर । घत्ता । एत्तियए कहेवि धणवालिं सरसइ नमिय। भविसत्तहो कन्वि संधि समाणिय पंचमि ये ॥ २३ ॥ पञ्चमः सन्धिः १ B इथियई २ C adds इय भविसत्तकहाए पयडियधम्मत्थकाममोक्खाए बुहधणवालकयाए पंचमीफलवण्णणाए भविसयत्ततिलकपुरपवेशविवाहकल्लाणवण्णणो णाम पंचमो सन्धी परिच्छेओ सम्मत्तो॥
SR No.032126
Book TitleBhavisayatta Kaha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKavi Dhanpal, C D Dalal
PublisherBaroda Central Library
Publication Year1923
Total Pages402
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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