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________________ पी लेते हैं, रात सो जाते हैं, सुबह फिर जाग आते हैं। और तुमसे बेहतर जी रहें हैं — निश्चित । तुमसे ज्यादा हरे-भरे हैं। कभी-कभी उनमें फूल लगते हैं, तुममें तो कभी फूल भी नहीं लगते। कभी-कभी उनसे अपूर्व सुगंध उठती है, तुमसे तो सिवाय दुर्गंध के और कुछ भी नहीं उठता। क्रोध उठता है, घृणा उठती है, हिंसा उठती है । प्रेम की तो तुम बातें करते हो, उठता कहां है? करुणा तो शास्त्रों में लिखी है, अनुभव कहां है? परमात्मा तो सुना हुआ कोरा शब्द है, पहचान कहां ? मुलाकात कहां है? जीवन तुम्हारा जीवन कहां है ? यह जो जीवन जैसा दिखाई पड़ता और जीवन नहीं है, यही मिट जाता है। फिर एक और जीवन पैदा होता है जो अभी दिखाई भी नहीं पड़ता, अभी अदृश्य है। वही जीवन जीवन है। 1 ठीक पूछते हो। एक भांति तो साधु मर जाता है, एक भांति साधु जी जाता। तुम्हारी तरह मर जाता, और एक नये, बिलकुल अभिनव रूप में जीवन का पदार्पण होता है । कहो उसे परमात्मा, मोक्ष, निर्वाण - जो मर्जी हो । दूसरा प्रश्न : अनेक बुद्धपुरुष हुये, जैसे बुद्ध, महावीर, नानक, रामकृष्ण परमहंस, रमण महर्षि और स्वयं आप, इन सबके कोई गुरु नहीं थे। ऐसा क्यों ? इस पर कुछ समझाने की कृपा करें। इ नके नहीं थे, ऐसा कहना शायद गुरु ठीक नहीं। यही कहना उचित है कि सारा अस्तित्व इनका गुरु था। जिनकी हिम्मत इतनी नहीं है कि सारे अस्तित्व को गुरु बना सकें, उनको फिर एकाध आदमी को गुरु बनाना पड़ेगा; वह कंजूसी के कारण । न सबको बना सको, कम से कम एक को बना लो। शायद एक से ही झरोखा खुले। फिर धीरे-धीरे हिम्मत बढ़े, स्वाद लग जाये, साहस बढ़े तो तुम औरों को भी बना लो । ऊपर से देखने में ऐसा लगता है कि बुद्ध का कोई गुरु नहीं था। लेकिन अगर गहरे से देखोगे तो ऐसा पता चलेगा, बुद्ध ने किसी को गुरु नहीं बनाया क्योंकि जब सारा अस्तित्व ही गुरु हो तब किसको गुरु बनाना! नदी - पहाड़, चांद-तारे, पौधे, पशु-पक्षी सभी गुरु हैं। सूफी फकीर हुआ हसन; मरते वक्त किसी ने पूछा कि तेरे गुरु कौन थे ? उसने कहा, मत पूछो। हात त छेड़ो । तुम समझ न पाओगे। अब मेरे पास ज्यादा समय भी नहीं है। मैं मरने के करीब 188 अष्टावक्र: महागीता भाग-5
SR No.032113
Book TitleAshtavakra Mahagita Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1990
Total Pages436
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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