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________________ हो रही है। कोई पति बर्दाश्त नहीं करता कि पत्नी आगे निकल जाये। यह बड़ा कठिन है । यह अहंकार को बहुत भारी पड़ता है। पत्नी तक पसंद नहीं करती कि पति आगे निकल जाये तो पति की तो बात ही छोड़ दो। पति तो परमेश्वर है ! उससे आगे ! एक महिला मेरे पास आई और उसने कहा कि अगर मैं ध्यान करूं तो मेरे गार्हस्थ्य जीवन में कोई अड़चन तो न आयेगी ? फिर यह देख कर कि यह प्रश्न कुछ अजीब-सा है, उसने कहा किनहीं-नहीं अड़चन क्यों! खुद ही कहा कि अड़चन क्यों आयेगी! ध्यान कर रही हूं कोई शराब तो पीने जा नहीं रही। कोई बुरा काम तो कर नहीं रही, अड़चन क्यों आयेगी! मैंने कहा कि तू गलती कहती है। अड़चन आयेगी। शराब पीने से शायद न भी आये, लेकिन ध्यान करने से निश्चित आयेगी । वह बहुत चौंकी। उसने कहा, क्या प्रयोजन है आपका कहने का ? कोई बुरा काम तो नहीं है? मैंने कहा, बुरा काम करने से उतनी अड़चन कभी नहीं आती। यह जरा मनुष्य की जटिलता है। अगर पति शराब पीता हो तो पत्नी को इतनी अड़चन कभी नहीं आती, क्योंकि शराब पीने वाले पति से पत्नी बड़ी हो जाती है, ऊपर हो जाती है, और मजा लेती है, एक तरह का रस आता है। डाटती-डपटती है पति को सुधारने की चेष्टा.. . सुधारने में बड़ा मजा आता है। किसको मजा नहीं आता! चार के सामने चर्चा करती है, सिर नीचे झुकवा देती है। जहां जाती है, पति वहां डरा-डरा पूंछ दबाये - दबाये चलता है। तो पत्नी बिलकुल मालिक हो जाती है। और क्या चाहिए! लेकिन पति अगर ध्यान करने लगे तो अड़चन आती है, क्योंकि वह तुमसे ऊपर होने लगा। और पत्नी अगर ध्यान करने लगे तो अड़चन और भी गहरी हो जाती है, क्योंकि पुरुष को तो यह मान्यता संभव ही नहीं होती कि स्त्री और आगे! तुमने देखा, पुरुष अपने से लंबी स्त्री से शादी नहीं करते। क्यों पर इसमें क्या अड़चन है? मगर कोई पुरुष बर्दाश्त नहीं करता कि स्त्री लंबी हो । शारीरिक रूप से लंबी बर्दाश्त नहीं करते तो आत्मिक रूप से जरा ऊंची, बिलकुल असंभव ! अपने से छोटी पत्नी खोजते हैं लोग। हर हालत में छोटी होनी चाहिए। पुरुष अपने से ज्यादा शिक्षित स्त्री भी पसंद नहीं करता। वह अपने से कम शिक्षित स्त्री खोजता है। तो ही तो परमेश्वर बना रहेगा। नहीं तो परमेश्वर गैर- पढ़े-लिखे और दासी पढ़ी-लिखी, तो बड़ा मुश्किल हो जायेगा! अड़चन आयेगी । पत्नी अगर ध्यान में थोड़ी गतिमान हो जाये या पति, कोई भी ध्यान में गतिमान हो जाये, तो दूसरा व्यक्ति जो पीछे छूट गया, अड़चन आनी शुरू होती है। तुम एक तरह के व्यक्ति के साथ रहने को राजी हो गये हो। तुमने एक ढंग के व्यक्ति के साथ विवाह किया है। फिर पति ध्यान करने लगा, यह नई बात हो गई। तुमने ध्यान करने वाले पति से कभी विवाह किया भी नहीं था। तुमने ध्यान करने वाली पत्नी से कभी विवाह किया भी नहीं था। यह कुछ नई बात हो गई। यह तुम्हारे संबंध को डावांडोल करेगी। इसमें अड़चन आयेगी । एक पत्नी ने मुझसे आ कर कहा कि मैं और सब सह लेती हूं; लेकिन मेरे पति अब नाराज
SR No.032111
Book TitleAshtavakra Mahagita Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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