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________________ सिर पीट रहा था और अपने हाथ में उसने एक तस्वीर ले रखी थी । तो पूछा : इस आदमी को क्या हुआ? तो सुपरिन्टेंडेंट ने कहा कि यह आदमी पागल हो गया है। हाथ में तस्वीर देखते हो, इस स्त्री को पाना चाहता था, नहीं पा सका उसी की पीड़ा में पागल हो गया है। सामने ही दूसरे कटघरे में बंद एक दूसरा पागल था। वह सीखचों से सिर तोड़ रहा था, अपने बाल नोंच रहा था। उसने पूछा: और इसे क्या हुआ? उस सुपरिन्टेंडेंट ने कहा कि अब यह मत पूछो। इसने उस स्त्री से शादी कर ली, इसके कारण पागल हो गया है। एक उस स्त्री को नहीं पा सका, इसलिए पागल हो गया; एक उसको पा गया, इसलिए पागल हो गया। मुल्ला नसरुद्दीन एक स्त्री के प्रेम में था । उससे बोला : 'रानी, मुझसे शादी करोगी?' उसे आशा थी कि वह इंकार करेगी। अनुभवी आदमी है, लेकिन धोखा खा गया। उसने तत्क्षण ही भर दी। फिर एकदम उदासी छा गई और सन्नाटा हो गया। थोडी देर स्त्री चुप रही। उसने कहा कि अब कुछ कहते नहीं? मुल्ला ने कहा. अब कहने को कुछ बचा ही नहीं। अब तो जो है, भोगने को बचा है। अब तो भूल हो गई। शूल तो जैसे विरह वैसे मिलन में ! गरीब रो रहा है, क्योंकि धन नहीं है। अमीर रो रहा है क्योंकि धन है अब क्या करे ! जो प्रसिद्ध नहीं है, वह रो रहा है, जो प्रसिद्ध है, वह रो रहा है। कल इंग्लैंड के एक फिल्म - अभिनेता ने संन्यास लिया - प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता था। पीड़ा क्या है? एक तो पीड़ा होती है, तुम राह से गुजरते हो, कोई तुम्हें पहचानता भी नहीं, कोई नमस्कार भी नहीं करता, मन में बड़ी पीड़ा होती है कि ना - कुछ हो तुम! न अखबार में फोटो छपते, न रेडियो पर खबर आती, न टेलिविजन पर चेहरा तुम्हारा दिखाई पड़ता । कोई तुम्हें जानता भी नहीं, तुम हुए न हुए बराबर हो । एक दिन मर जाओगे तो किसी को पता भी न चलेगा शायद कोई रोएगा भी नहीं, शायद कोई स्मृति भी न छूट जाएगी। एक दिन तुम मर जाओगे तो ऐसे मर जाओगे जैसे कभी थे ही नहीं, कोई फर्क ही न पड़ेगा। इससे बड़ी पीड़ा होती है। आदमी प्रसिद्ध होना चाहता है कि दुनिया जाने कि मैं हूं । दुनिया जाने कि मैं कोन हूं फिर एक दिन आदमी प्रसिद्ध हो जाता है, तब फिर मुसीबत। अब कहीं निकलो तो मुसीबत। जहां जाओ वहां भीड़ घेर लेती है। अब आदमी सोचता है कि यह तो बड़ा मुश्किल हो गया, कहीं स्वात मिल जाए, कहीं ऐसी जगह चला जाऊं जहां कोई पहचानता न हो, जहां मैं स्वयं हो सकूं ! हर जगह नजर लगी है लोगों की । गुजरो तो नजर, बैठो तो नजर। जहां खड़े हो जाओ, वहां नजर फिल्म- अभिनेता की तकलीफ तुम समझते हो! जहां जाए वहीं धक्के - मुक्के! घबराहट होती है कि यह क्या हुआ! यह दुनिया ने तो जान लिया, मगर यह जानना तो मुसीबत बन गई, फांसी लग गई! अप्रसिद्ध आदमी प्रसिद्ध होना चाहता है। प्रसिद्ध आदमी चाहता है कि किसी तरह लोग भूल
SR No.032111
Book TitleAshtavakra Mahagita Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year
Total Pages422
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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